- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Saturday, Nov 23, 2024
by NewsDesk - 21 Jul 24 | 115
तेलंगाना। चीन के साइबर अपराधियों के चक्कर में कई भारतीय कम्बोडिया में गुलाम बना कर रखे गए हैं। इन पीड़ितों की तादाद लगभग 3000 के आसपास बताई गई है जिसमें कई महिलाएँ शामिल हैं। इन महिलाओं का प्रयोग हनीट्रैप जैसी घटनाओं में न्यूड कॉल तक के लिए किया जा रहा है। गुलाम बनाए गए लोगों में ज्यादातर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बताए जा रहे हैं। अधिकतर लोगों को नौकरी दिलाने का झाँसा दे कर बुलाया गया था। ये दावा खुद को भुक्तभोगी बताते हुए तेलंगाना के एक युवक ने किया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार मिली जानकारी एवं सूत्रों के मुताबिक, तेलंगाना का रहने वाला मुंशी प्रकाश नाम का मीडिया के युवक सामने आया है। मुंशी प्रकाश ने आपबीती का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech तक पढ़ाई की है। JT हैदराबाद में नौकरी करते हुए मुंशी प्रकाश ने अपना बायोडाटा इंटरनेट पर अपलोड किया था। इसी बायोडाटा को देख कर कम्बोडिया से विजय नाम के व्यक्ति ने प्रकाश को कॉल कर के ऑस्ट्रेलिया में नौकरी का ऑफर दिया। ट्रेवल हिस्ट्री बनाने के लिए मुंशी प्रकाश को पहले मलेशिया का टिकट दिया गया।
12 मार्च, 2024 को को मुंशी प्रकाश मलेशिया की राजधानी क्वालालम्पुर पहुँचे। यहाँ से उन्हें विजय का एक स्थानीय प्रतिनिधि मिला जिसने मुंशी प्रकाश से 85,000 डॉलर ले लिए। इसी दौरान एक चीनी व्यक्ति ने मुंशी प्रकाश का पासपोर्ट ले लिया और उन्हें अपने साथ ले कर कम्बोडिया के क्रांग बावेत ले गया। यहाँ मुंशी प्रकाश को एक टॉवर में ले जाया गया जहाँ कई अन्य भारतीय पहले से मौजूद थे। इस टॉवर में मुंशी प्रकाश को 10 दिनों तक फेसबुक पर लड़कियों की फर्जी ID बनाने की ट्रेनिंग दिलाई गई।
मुंशी प्रकाश ने बताया कि फेसबुक की ये ID तमिल और तेलगु सहित कई अन्य भाषाओं में बनवाई जा रही थी। काम के बाद पीड़ित को एक अँधेरे कमरे में बंद रखा जाता था। इनकार करने पर उसकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी और खाना-पीना भी ठीक से नहीं दिया जाता था। फोटो आदि खींचने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। एक दिन मौका पाकर मुंशी प्रकाश ने अपनी बहन को ईमल कर के सारी समस्या बताई। तब मुंशी प्रकाश की बहन से तेलंगाना के प्रशासन को इस मामले से अवगत करवाया था।
स्थानीय स्तर पर समस्या का हल न निकलने पर मुंशी प्रकाश के परिजनों ने भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगाई। दूतावास की पहल पर कम्बोडिया की पुलिस एक्टिव हुई और मुंशी प्रकाश को बरामद कर लिया। इस बीच चीनी गिरोह ने मुंशी प्रकाश के खिलाफ तहरीर दे कर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया। इस वजह पीड़ित को 12 दिनों तक जेल काटनी पड़ी थी। अंत में 9 अन्य भारतीयों के साथ मुंशी प्रकाश 5 जुलाई, 2024 को कम्बोडिया से भारत वापस भेज दिए गए। भारत आ कर मुंशी प्रकाश ने बताया कि उनकी ही तरह लगभग 3000 भारतीय कम्बोडिया में चीनी जालसाजों की वजह से फँसे हुए हैं।
मुंशी प्रकाश का दावा है कि 3000 बंधकों में कई महिलाएँ भी शामिल हैं। इन महिलाओं से हनीट्रैप का काम करवाया जा रहा है। लड़कियों को नग्न होकर वीडियो कॉल करने पर मजबूर किया जाता है। मुंशी ने बताया कि उन्हें कम्बोडिया में चीनी जालसाजों के जाल में फँसे केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई और दिल्ली के लोग मिले। इन सभी को विदेश में नौकरी का झाँसा दे कर कम्बोडिया बुलाया गया था। जालसाजी के जुटाया गया ये पैसा पहले क्रिप्टो करेंसी में बदला जाता है। बाद में इसे अमेरिकी डॉलर और अंत में चीनी मुद्रा युवान में बदलवा ली जाती है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24