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  • Saturday, Nov 23, 2024

समय के बदलते चक्र में वैदिक घड़ी से दुनिया में मध्यप्रदेश और देश का नाम बढ़ेगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

by NewsDesk - 02 Mar 24 | 157

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया विक्रमोत्सव- 2024 उज्जैन का शुभारंभ

रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव-उज्जैन 2024 एवं उज्जयिनी व्यापार मेले का हुआ शुभारंभ

 

1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में सिंगल क्लिक से अंतरित की 1576 करोड़ की राशि

लाड़ली लक्ष्मी योजना में 2.85 लाख बालिकाओं के खाते में 85 करोड़ की राशि की अंतरित

 

मुख्यमंत्री ने किया विक्रम पंचांग का विमोचन

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि समय के बदलते चक्र में उज्जैन में स्थापित दुनिया की पहली वैदिक घड़ी मध्यप्रदेश एवं देश का नाम दुनिया में बढ़ायेगी। अब भारत का समय दुनिया में जाना जायेगा। राज्य सरकार सम्राट विक्रमादित्य पर केन्द्रित साहित्य का सृजन करने का प्रयास भी कर रही है। सम्राट विक्रमादित्य पर हमें सदैव गर्व रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को कालिदास अकादमी उज्जैन में संस्कृति विभाग स्वराज संस्थान एवं जिला प्रशासन द्वारा आयोजित विक्रमोत्सव-2024 का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में सिंगल क्लिक से 1576 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। मुख्यमंत्री ने 2.85 लाख लाड़ली योजना की बालिकाओं के खाते में 85 करोड़ रुपये की राशि भी अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अतिथियों के साथ विक्रम पंचांग का भी विमोचन किया।

 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंचासीन अतिथियों के साथ मां सरस्वती एवं सम्राट विक्रमादित्य के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप, पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी, सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक अनिल जैन कालुहेड़ा, सतीश मालवीय, चिंतामण मालवीय तथा महापौर मुकेश टटवाल मंचासीन थे।

 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित सभ्यता को सर्वत्र पहचाना गया है। नागरिक तंत्र स्थापना के प्रथम पुरूष के रूप में सम्राट विक्रमादित्य जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि विक्रमोत्सव सरकार द्वारा समाज को साथ लेकर चलने वाला उत्सव है। उज्जैन काल गणना की नगरी है। साथ ही महाकाल की नगरी भी उज्जयिनी है। हम सनातन संस्कृति के संवाहक हैं। सनातन संस्कृति पर हमें गर्व है। महाकवि कालिदास ने अपने ग्रंथ और काव्यों के माध्यम से उज्जैन की गौरवगाथा का वर्णन किया है।

 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर अर्श भारत, वीर भारत, संकल्प न्यास और मण्डला, डिंडोरी, जबलपुर, सतना, जिलों के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों पर केन्द्रित पुस्तकों, रामराजा शीर्षक से प्रकाशित पुस्तकों और ओरछा के रामराजा पर केन्द्रित सीडी का विमोचन भी किया।

 

केन्द्रीय नागरिक उडड्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने कहा कि उज्जैन प्राचीन नगरी है। उज्जैन मध्यप्रदेश ही नहीं समूचे विश्व की एक प्राचीन धरोहर है। यह गौरव की बात है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन ही नहीं पूरे प्रदेश का विकास करने का कार्य कर रहे हैं । उज्जैन को धार्मिक, आध्यात्मिक केन्द्र ही नहीं व्यापार, व्यवसाय एवं प्रमुख औद्योगिक केन्द्र बनाने का प्रयास भी उनके द्वारा किया जा रहा है। उज्जैन के विकास में सिंधिया परिवार के योगदान उल्लेख करते हुए केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि महाराजा राणोजी सिंधिया द्वारा महाकाल मंदिर निर्माण करवाया गया था और माधव महाराज द्वितीय ने माधवगंज में फ्री-ट्रेड फेयर की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि उज्जैन में अपार संभावनाएं हैं। उज्जैन व्यापार मेले की शुरूआत प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण कदम है। मध्यप्रदेश में कृषि के साथ ही फार्मा इंडस्ट्री, टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। सिंधिया ने कहा कि इन्दौर के बाद उज्जैन भी आने वाले समय में मिनी बाम्बे के रूप में पहचाना जायेगा।

 

नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव, पूर्व मंत्री पारस जैन, पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती, विवेक जोशी, बहादुर सिंह बोरमुण्डला, जगदीश अग्रवाल सहित जन-प्रतिनिधि, अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, संभागायुक्त डॉ. संजय गोयल उपस्थित थे।

 

 

 

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