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भगवान राधाकृष्ण ने पहने सिंधिया रियासतकालीन बेशकीमती 100 करोड़ के गहने

by NewsDesk - 30 Aug 21 | 213

ग्वालियर। शहर में एक मंदिर ऐसा भी है। जहां जन्माष्टमी पर भगवान राधा-कृष्ण के बेशकीमती गहने पहनाए जाते हैं। ये सिंधिया रियासत के सैकड़ों साल पुराने कीमती गहने हैं। इन पर मोतियों की जगह हीरे, पन्ना, माणिक, पुखराज, नीलम लगे हुए हैं। इन प्राचीन गहनों की पुरातात्विक कीमत वर्तमान में 100 करोड़ रुपए के लगभग बताई जाती है। इन बेशकीमती जेवरातों को बैंक लॉकर से मंदिर लाने और अगले दिन पूरी गणना कर बैंक तक वापस पहुंचाने के दौरान सैकड़ो जवानों की सुरक्षा रहती है। जिसे लेकर नगर निगम और पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी है। श्रद्धालुओं के लिए इस समारोह का लाइव प्रसारण फेसबुक एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी किया जाएगा।

दरअसल ग्वालियर के फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह लगभग 1000 साल पुराना बताया जाता है। 1921 में सिंधिया राज के तत्कालीन महाराज माधवराव ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। भगवान के श्रृंगार के लिए सिंधिया ने ही गहने बनवाए थे। गोपाल मंदिर में स्थापित भगवान राधा-कृष्ण की प्रतिमा को इन जेवरात से सुसज्जित करने की परंपरा आजादी के पूर्व से है। आजादी के बाद मध्यभारत की सरकार बनने के बाद गोपाल मंदिर, उससे जुड़ी संपत्ति जिला प्रशासन व निगम प्रशासन के अधीन हो गई है। अब निगम प्रशासन जन्माष्टमी के दिन कड़ी सुरक्षा के बीच राधा कृष्ण का श्रृंगार करता है। जिसे दूर दूर से श्रद्धालु देखने आते है। इन जेवरातों में हीरे-जवाहरात से जड़ा स्वर्ण मुकुट, पन्ना और सोने का सात लड़ी का हार, शुद्ध मोती की मालाएं, हीरे जड़े कंगन, हीरे व सोने की बांसुरी, प्रतिमा का विशालकाय चांदी का छत्र, चांदी के बर्तन, भगवान श्रीकृष्ण व राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूडियां, कड़े समेत अन्य बहुत सा सामान शामिल हैं। इस दिन कड़ी सुरक्षा के बीच सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को गोपाल मंदिर आने की इजाजत दी जाती है। भगवान के मनमोहर रूप को देखने बहुत भीड़ उमड़ती है। मंदिर परिसर की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से भी की जाती है। जन्माष्टमी के बाद नगर निगम इन गहनों को लॉकर में रखवा देता है। वही सोमवार के दिन मनाई जाने वाली इस जन्माष्टमी को लेकर प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने मिलकर पूरी तैयारियां कर ली गई है। जिससे मंदिर की सुरक्षा में कोई चूक ना हो सके। वही लोगो को घर बैठे फेसबुक के माध्यम से भी राधा कृष्ण के दर्शन कराए जाएंगे। 
वहीं गोपाल मंदिर के पुजारी प्रदीप हरटे का कहना है कि "यहाँ जन्माष्टमी पर भगवान राधा-कृष्ण के बेशकीमती गहने पहनाए जाते हैं। ये सिंधिया रियासत के सैकड़ों साल पुराने कीमती गहने हैं। इन पर मोतियों की जगह हीरे, पन्ना, माणिक, पुखराज, नीलम लगे हुए हैं। कीमत वर्तमान में सौ करोड़ रुपए के लगभग बताई जाती है। इन बेशकीमती जेवरातों को बैंक लॉकर से मंदिर लाने और अगले दिन पूरी गणना कर बैंक तक वापस पहुंचाने के दौरान सैकड़ो जवानों की सुरक्षा रहती है। जिसे लेकर नगर निगम और पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी है।"

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