ग्वालियर में दस्तावेजों में हेरफेर कर साथी कर्मचारी का प्रमोशन कराने वाले एयरफोर्स से रिटायर्ड बाबू को महाराजपुरा थाना पुलिस ने उत्तराखंड के देहरादून से गिरफ्तार किया है। जबकि इस मामले में अभी एक आरोपी फरार है। पुलिस ने पकड़े गए बाबू से पूछताछ शुरू कर दी है कि इसके अलावा उसने और किस-किस के दस्तावेजों में हेरफेर की है। घटना वर्ष 2016 से 2018 के बीच ग्वालियर ऑफिस की है। जिसका प्रमोशन कराया गया था उसकी गिरफ्तारी होना अभी शेष है।
DSP क्राइम ब्रांच विजय भदौरिया ने बताया कि एयरफोर्स अफसरों की शिकायत पर वर्ष 2018 में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इस मामले में आरोपी वीर बहादुर व रिटायर्ड बाबू रवि दत्त के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। मामले की जांच की तो पता चला कि बाबू का रिटायरमेंट वर्ष 2016 में हो गया था। इसका पता चलते ही एसआई रामकिशोर जोशी, प्रधान आरक्षक अरविन्द तोमर, आरक्षक नितिन गुर्जर, भीकम सिंह, राहुल की एक पुलिस टीम बनाकर आरोपी की तलाश में लगाई।आरोपी की तलाश में पिछले एक माह से पुलिस टीम एयरफोर्स सहित अन्य संभावित स्थानों पर जानकारी जुटा रही थी। तभी पुलिस को पता लगा कि रवि दत्त हैडक्वार्टर कमांडर वर्क्स इंजीनियरिंग देहरादून से 30 जून 2016 को रिटायर्ड हो चुका है। इसके बाद टीम ने देहरादून में उसका पता लगाया तो उसके ठिकाने की जानकारी मिली। इसके बाद रविवार रात को आरोपी रवि दत्त को वहां से पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया है। जबकि एक अन्य आरोपी वीर बहादुर सिंह फरार है।
ग्वालियर एयरफोर्स ऑफिस में रहते समय बाबू रवि दत्त ने एक अन्य कर्मचारी वीर बहादुर सिंह को प्रमोशन में लाभ दिलाने के लिए दस्तावेजों में छेड़छाड़ की थी। उन्होंने उसकी पहली प्रमोशन तो साल 2008 में हुई थी उसे छेड़छाड़ कर वर्ष 2006 दिखाई थी। जिस साथ ही वरीयता क्रम में उसके नंबर को 49 से 47 कर दिया था। बाद में जब दस्तावेजों में गड़बड़ समझ में आई तो मामले की जांच कराई गई थी। जिसमें बाबू रवि दत्त की कलाकारी पकड़ में आ गई थी। जिसके बाद साल 2018 में महाराजपुरा थाना में धोखाधड़ी मामला दर्ज किया गया था।