आपने अभिनेता अनिल कपूर की नायक फ़िल्म तो देखी ही होगी, जहां फ़िल्म के किरदार में मुख्यमंत्री बनने पर लोगो की समस्याओं को हल करने खुद ही दरबार लगा लेता है औऱ ततकल नोटिस से लेकर सस्पेंड तक की कार्यवाही भी की जाती है कुछ ऐसी ही तस्वीर ग्वालियर से सांमने आई है, जहां ग्वालियर के कलेक्टर कार्यालय में खुद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के चेम्बर में शिकायतकर्ताओं का जमावड़ा लगा है. खुद कलेक्टर एक एक व्यक्ति की समस्याओं को सुन रहे है औऱ लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्यवाई के निर्देश भी दे रहे है। लेकिन आखिर ऐसी तस्वीर बन क्यों रही है। देखिए यह रिपोर्ट....
आपको बता दे कि समस्याओ के लंबित पड़े प्रकरणों के समय सीमा में निराकरण नहीं होने पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह एक्शन मोड़ में आ गए है। उन्होंने सीएमएचओ, नगर निगम अपर आयुक्त को नोटिस जारी किया है जिंसके पीछे स्वास्थ्य विभाग में 126 और नगर निगम में 96 प्रकरण 2 साल से ज्यादा लंबित रहना सांमने आया है। जिंसके कारण लोग काफी परेशान हो रहे है।इसके साथ ही शिकायत निराकरण में देरी पर दो डॉक्टर डॉ सचिन श्रीवास्तव औऱ डीएचओ डॉ मनोज गौरव की वेतन वृद्धि रोकने के भी निर्देश दिए गए है। इतना ही नही सीएमएचओ ऑफिस के बाबू संजय जोशी को भी टीएल के निराकरण में देरी पर निलंबित किया गया है। लिस्ट यही खत्म नही हुई है, कलेक्टर साहब ने नगर निगम के अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव को भी सड़कों में लापरवाही बरतने पर नोटिस जारी कर दिया है। कलेक्टर के इस एक्शन की खबर की चर्चाओं के साथ कलेक्टर कार्यालय में लोग अपनी अपनी शिकायत लेकर सीधे उनके ही पास पहुंच रहे है। वही कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह भी खुद उन समस्याओं को सुन ततकल कार्यवाही के निर्देश दे रहे है। जिस कारण लोगो के अन्दर न्याय की उम्मीद बढ़ी है। ग़ौरतलब है कि टाइम लिमिट में पूरी होने वाली शिकायतें और सीएम हेल्पलाइन को लेकर बीते सोमवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने दस घंटे की मैराथन बैठक ली। कलेक्ट्रेट में सुबह 11 बजे से शुरू हुई बैठक रात नौ बजे तक चली जिसमें दोपहर का खाना भी कलेक्टर ने होटल से मंगवा लिया। टीएल पत्रक की सबसे ज्यादा पेंडेंसी 127 स्वास्थ्य विभाग की रही और इसके बाद नगर निगम सहित अन्य विभागों का नंबर रहा। कलेक्टर ने निगम के अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता से पेंडेंसी पर कहा कि आपकी सर्विस ब्रेक दूंगा, ऐसा नहीं बर्दाश्त होगा। वहीं सबसे ज्यादा सीएमएचओ डा मनीष शर्मा को भी फटकार लगी, क्योंकि पेंडेंसी जो टाप पर थी। सुबह से ही कलेक्टर के सख्त तेवर देख हर अफसर ठिठका सा रहा, बहरहाल कलेक्टर साहब के इस एक्शन के बाद जनता की समस्याओं के निदाम में कितना लाभ मिलता है यह देखना होगा।