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पटवारी मौजा मांगरोल बालूराम आदिवासी द्वारा भूमी रिकॉर्ड में हेराफेरी

by NewsDesk - 14 Sep 21 | 257

(मोहम्मद जुनेद खान) 
सबलगढ़. तहसील सबलगढ़ की ग्राम मांगरोल निवासी भीकम सिंह ,ऋषिकेश ,वासुदेव, विजेंद्र ,महाराज सिंह पुत्र गढ़ लटूर सिंह जाति रावत समान भाग के ग्राम मांगरोल पटवारी हल्का क्रमांक 32 सर्वे क्रमांक 2074/2 रकवा 0.31आरे हैक्टर की भूमि राजस्व अभिलेख में भूमि स्वामी स्वत पर अंकित है जिसमें प्रार्थी के द्वारा रखवा0.27 आरे की भूमि वीरेंद्र शर्मा पुत्र चिरौंजी ,पदम सिंगल पुत्र बनवारी,  तथा  पवम सिंह राठौर पुत्र छोटेलाल ,समान भाग को विक्रय कर दी गई हे और शेष रकवा 0.40 आरे हेक्टेयर भूमि पर मुझ प्रार्थी को विक्रय पत्र संपादित करने के बाद शेष भूमि बची थी जिसे पटवारी बालूराम ने फर्जी तरीके से प्रकरण 161/अ6/2019-20 एवं आदेश दिनांक 26-8-20 द्वारा संशोधित कर अशोक पुत्र रामगोपाल, हरदेवी, रामदेवी व विधवा पुत्रियां रामगोपाल समान भाग जाती रावत के नाम पर कर दिया है,सभी कृषकों ने पटवारी से खाता सुधारने को कहा तो पटवारी कहने लगा के मोटी राशि देनी होगी क्योंकि मैं आदिवासी हूं. 
पीड़ितों द्वारा बताया हमारे ज्यादा कहने पर पटवारी द्वारा उक्त प्रकरण के द्वारा ही 0.01आरे भूमि हम सभी कृषकों को भीमक सिंह विजेंद्र महाराज सिंह पिता लटूर सामान भाग जाति रावत के नाम कर दी है शेष 0.03आरे भूमी का सुधार नहीं किया गया है और भूमाफिया राकेश गुप्ता व उसकी पत्नी रजनी के नाम 3लाख  लेकर कर दी है और हम लोगों द्वारा जब पटवारी से शिकायत की तो पटवारी कहने लगा मेरा तो कोई भी वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि मैं आदिवासी कोटे से हूं इसके साथ ही अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगा| उक्त पटवारीहल्का क्रमांक 32 पर  कई वर्षों से पदस्थ होकर मंदिरों की जमीनों पर कब्जे कराने से भी नहीं चूक रहा है बंदोबस्त से पूर्व के सर्वे नंबर 2022, 2036, 2037 ,1953, 1954 वर्तमान में बदल कर 2065,2075,2076,,2077,2078 और2079 यह सभी नंबर मदन मोहन जी करौली मंदिर के नाम से हैं जिन पर चिठ लगाकर मंदिर की भूमि को दूसरे भूमि स्वामी के नाम चडा दिया गया है जिस के पुजारी हरिनारायण कन्हैया लाल शर्मा है कलेक्टर ,जिला पंचायत सीईओ ,एसडीएम ,तहसीलदार द्वारा भी मांगरोल की जनता ने सभी के समक्ष  शिकायत की थी और कहा था कि हमारी फसलों के सर्वे भी पटवारी द्वारा आज दिनांक तक नहीं किए गए हैं मांगरोल मौजा के लोग अभी भी परेशान हैं| इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि मेन रोड पर पटवारी द्वारा मोटी रकम लेकर हेराफेरी की है शिकायतकर्ता विजेंद्र रावत द्वारा लगातार 1 साल से तहसील के चक्कर काटने के बाद भी उसकी भूमिका किसी प्रकार का कोई निराकरण आज दिनांक तक नहीं किया गया है| 
इस संबंध में  बालूराम पटवारी द्वारा संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को भी गलत जानकारी देकर कार्य को लटकाने का प्रयास किया जा रहा है जबकि बालूराम पटवारी द्वारा शिकायतकर्ता की भूमि को खसरे में 28आरे बताया जा रहा है बटवारे का हवाला देकर 28आरे भूमि मिलना बताया जा रहा है जबकि बंटवारे की नकल से यह स्पष्ट हो रहा है कि शिकायतकर्ता को2074 सर्वे नंबर में31 आरे भूमि मिली है जबकि शासकीय अभिलेखों में प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ता को0.31 आरे भूमि मिलना ही साबित होता है इसके प्रमाण में खसरे की नकल, ऋण पुस्तिका नकल एवं बंटवारे की नकल इसके प्रमुख प्रमाण है पटवारी द्वारा अतिवृष्टि से हुई फसल हानि ,मकान ऐवं पशुहानी आदि का भी सर्वे आज दिनांक तक नहीं किया गया है जबकि इनके समीप वाले हलकों में सर्वे कार्य के लिए जा चुका है इस तरह से  कलेक्टर के सर्वे कार्य के आदेशों की धज्जियां पटवारी द्वारा उड़ाई जा रही है जबकि सबसे अधिक फसल हानि मांगरोल हल्का नंबर 32 में हुई है पटवारी की यह  उदासीनता, इनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही दर्शाती है| 

इनका कहना है 
हम सभी कृषकों की मांगरोल पटवार हल्का क्रमांक 32 में सर्वे क्रमांक2074/2 रखवा 3100  हेक्टेयर की भूमि राजस्व अभिलेख में हम सभी भूस्वामी है जिसमें हमारे पास सभी शासकीय साथी अभिलेख होते हुए भी हल्का पटवारी बालूराल द्वारा हम सभी भू स्वामी की जमीन को खतरे में इंदराज नहीं किया जा रहा है जबकि भूअभिलेखों  में दर्ज है हम भारतीयों ने हम सभी ने एसडीएम तहसीलदार को भी लिखित एवं दस्तावेजों के साथ शिकायत की है फिर भी कार्रवाई का भाव बना हुआ है
समस्त संबंधित शिकायतकर्ता 
 
"शिकायतकर्ता ने हमारे यहां आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई है यदि उसकी जमीन में कोई हेराफेरी हुई है तो शीघ्र कार्रवाई की जावेगी"
सुब्रता त्रिपाठी तहसीलदार सबलगढ़

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