मुरैना में नर्सिंग कॉलेज ऑफ़ खिलाफ जांच की मांग करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एमएस रोड पर जाम लगा दिया। 2 घंटे तक प्रदर्शन के चलते सड़क पर जाम लगा रहा, जिसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम और तहसीलदार ने विद्यार्थियों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया। हालांकि इस दौरान विद्यार्थी परिषद और एसडीएम के बीच कहासुनी भी हुई विद्यार्थी परिषद की मांग है कि जिले में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ जांच की जाए।
मुरैना जिले में लगभग 1 दर्जन से अधिक नर्सिंग कॉलेज संचालित है इनमें से अधिकांश केवल कागजों पर ही चल रहे हैं ।इसका खुलासा कोरोनावायरस नर्सिंग कॉलेज अस्पतालों मैं मरीजों को भर्ती कराने के समय हुआ। विद्यार्थी परिषद ऐसे सभी कॉलेजों की जांच कर उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है। विद्यार्थी परिषद के द्वारा सड़क पर जाम लगाए जाने के 2 घंटे बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे। उनके अनुसार केंद्रीय मंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के चलते हैं वह समय पर नहीं आ पाए हालांकि विद्यार्थी परिषद की मांग पर उन्होंने जल्द जांच कर ने का आश्वासन दिया है।
मुरैना में अखिल विद्यार्थी परिषद के छात्रों द्वारा किए गए प्रदर्शन में एसडीएम साहब की जुबान से चल गई दर्शन के दौरान उन्होंने कहा यह शहर तुम्हारा है और इस तरह जाम लगाने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। इस बात पर विद्यार्थी परिषद के छात्र और एसडीएम में विवाद की स्थिति पैदा हो गई। विद्यार्थियों का ऑपरेशन कितना सही था या कितना देना है यह अधिकारी क्या कर सकते हैं। पढ़ने के एसडीम यह फूल किस से हम तुम्हारे हैं और इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता यह साफ करता है कि यह भी हम कितने संवेदनशील है और यह आलम है जल्दी एम महोदय संजीव जैन के पास नगर निगम आयुक्त का भी प्रभार है। ऐसे में यह अधिकारी शहर के लिए कितने सोचते हैं और चित्रा शहर के लिए यह करेंगे यह साफ हो जाता है बड़ा सवाल है कि क्या ऐसे अधिकारियों को पद पर बने रहना चाहिए।