(जुनेद पठान)
कैलारस।।प्रदेश के जाने-माने प्रसिद्ध वामपंथी नेता बहादुर सिंह धाकड़ की 14 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सबलगढ़ में, बिषय - "दाब पर क्या? किसान या देश" पर बृहद सेमिनार का आयोजन गणेश मरैया मेमोरियल वाचनालय एवं पुस्तकालय के हॉल में रखा गया। इस मौके पर बोलते हुए किसान सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली की पांचों सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को 10 महीने हो गए हैं। किसान तीनों कृषि विरोधी काले कानूनों की वापसी के लिए तो संघर्ष कर ही रहे हैं । लेकिन उनकी यह लड़ाई यहीं तक सीमित नहीं है। वे देश के सांप्रदायिक सद्भाव को बचाने का भी संघर्ष कर रहे हैं और किसान मजदूरों के साझा संघर्ष को भी आगे बढ़ाते हुए चारों श्रमिक विरोधी संहिताओं की वापसी की भी मांग कर रहे हैं। इस ऐतिहासिक आंदोलन को पूरी दुनिया से समर्थन मिला है। 36 देशों की संसद में इस पर चर्चा हुई है समर्थन मिला है।
देशभर में 300 से ज्यादा जनता के संगठनों ने, 22 राजनीतिक दलों ने इस को समर्थन दिया है। यह आंदोलन अब नए मुकाम पर पहुंच गया है। यह लोकतंत्र और संविधान को बचाने का भी संघर्ष बन गया है। उन्होंने कहा कि संघर्ष में अब तक 600 से ज्यादा किसान शहीद हुए हो गए हैं। लेकिन मोदी सरकार कॉरपोरेट परस्त तानाशाहीपूर्ण रुख अपनाए हुए हैं और किसानों की सुनने को लिए तैयार नहीं है। लेकिन 550 से ज्यादा किसान संगठनों के "संयुक्त किसान मोर्चा" ने भी निर्णय लिया है कि संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। इसी कड़ी में 27 मार्च का भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद को व्यापक जन समर्थन हासिल है। इस बंद से देश में एक नए संघर्ष का आगाज होगा। जो मोदी सरकार के ताबूत में कील साबित होगा। उन्होंने कहा कि किसान सार्वजनिक क्षेत्र को बचाने का संघर्ष भी कर रहे हैं, निजीकरण के खिलाफ भी लड़ रहे हैं। जनता की एकता कायम करने के लिए लड़ रहे हैं। ऐसे में आम जनता को संघर्ष से जोड़ा जाए। इसे और व्यापक बनाया जाए और संघर्ष को आगे बढ़ाया जाए। सेमिनार में विषय प्रवर्तन पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष किसान सभा के नेता अशोक तिवारी ने किया। उन्होंने कृषि कानूनों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए उसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी रखी। सेमिनार में किसान नेता गयाराम सिंह धाकड़ ने कर्मचारी नेता रामऔतार पारा ने विचार व्यक्त किए। संचालन पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मुरारीलाल धाकड़ एडवोकेट ने किया। अध्यक्षता पूर्व पार्षद आदिराम आर्य की। इसके अलावा स्थानीय नेताओं ने भी विचार व्यक्त किए। सेमिनार में अशोक राठौर, इसराइल खान, प्रभु दयाल सगर, अली बहादुर ,अरविंद सगर, विशाल जाटव, फरीद खान, चंदन सिंह घमंडी केवट, शिवचरण रावत, नरेश रावत, बसंता मेट, बंटी शर्मा, कोक सिंह कुशवाह, पातीराम जाटव, रामलखन पटेल अनिल कटारे आदि कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे। आज साथी बहादुर सिंह धाकड़ की पुण्यतिथि से प्रदेश भर में किसान सभा के सदस्य अभियान की शुरुआत की गई है। जिसकी शुरुआत मुरैना जिले में कैमपुरा गांव से प्रदेश उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह की अगुवाई में की गई। जिसमें किसान सभा के जिला महासचिव मुरारी लाल धाकड़ और स्थानीय कार्यकर्ता शामिल हुए।