ग्वालियर। शासकीय सेवा में अपने जीवन के 32 बसंत गुजारने के बाद श्री आर के जायसवाल कलेक्टर के स्टेनो पद से गुरूवार को सेवानिवृत्त हो गए। कलेक्ट्रेट में पदस्थ सभी शासकीय सेवकों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। इस अवसर पर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि शासकीय सेवकों का आम जनों के प्रति कार्य, व्यवहार व आचरण ऐसा होना चाहिए जिससे लोग हमें आत्मीयता के साथ याद रखें। खुशी की बात है जायसवाल इन सभी खूबियों के धनी हैं। राजस्व विभाग में लगभग 42 साल की सेवायें देने के बाद नायब तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए फेरन सिंह धाकड़ को भी गुरूवार को कलेक्ट्रेट परिवार ने भावभीनी विदाई दी। कलेक्टर सिंह ने इनके सुखद, स्वस्थ एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने रामचरित मानस की चौपाई “बिछुरत एक प्रान हरि लेहीं, मिलत एक दुख दारून देहीं’’ के माध्यम से संत व असंतों अर्थात अच्छे एवं बुरे व्यक्तित्व वाले लोगों के बीच का अंतर रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सहृदयी एवं आत्मीय जनों के बिछोह से हम सभी को ऐसा आभास होता है जैसे प्राण निकल गए हों, दूसरी ओर दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्ति सदैव दुख देते हैं। इसलिए हमें सभी के प्रति आत्मीयता का व्यवहार रखना चाहिए। श्री जायसवाल ने कलेक्टर के स्टेनो के रूप में इसी भाव के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। उन्होंने कहा शासकीय सेवकों के लिए यह सबसे बड़ी खुशी की बात होती है कि वह प्रतिष्ठा के साथ अपना सेवाकाल पूरा करे। नायब तहसीलदार श्री फेरन सिंह धाकड़ ने 42 साल का लम्बा सेवाकाल पूरा किया है।
कलेक्टर सिंह ने सेवानिवृत्त हुए श्री जायसवाल व श्री धाकड़ को कलेक्ट्रेट परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह सौंपे। इस अवसर पर कैट के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र जैन की ओर से भी दोनों शासकीय सेवकों को कलेक्टर ने अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट किए। अपर कलेक्टर श्री रिंकेश वैश्य, जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार सहित कलेक्ट्रेट परिवार के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों ने पुष्पाहारों से श्री जायसवाल व श्री धाकड़ का स्वागत किया।