रिपोर्ट... सचिन बहरानी
इंदौर में पिछले दिनों बड़े कोरोना मरीजो और त्यौहार खत्म होते ही कोरोना से निपटने के लिए जिला प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने कमर कस ली है. यही वजह है कि इंदौर में वैक्सीनेशन के सेकंड डोज को लगाने का अभियान शुरू हो गया है. कोरोना वायरस से निपटने के लिए वेक्सीन नहीं लगवाने वालों को जहां दूध नहीं मिलेगा, वहीं बैंकों में प्रवेश प्रतिबंधित और फैक्ट्रियों में काम करने वालों को काम करने का मौका भी नहीं मिल पाएगा.
इंदौर का जिला प्रशासन के कलेक्टर मनीष सिंह इंदौर शहर के तमाम सामाजिक व्यापारिक संगठनों के साथ बैठके करना शुरू कर दिया है. जिसमें नागरिकों ने सामाजिक संगठनों ने और व्यापारियों ने मिलकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जिससे कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज़ लगाना आप सभी के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. इंदौर की तमाम बैंकों के बाहर बकायदा पोस्टर लग गए हैं. वैक्सीनेशन नहीं तो बैंक में प्रवेश नहीं. इसी तरह अलग-अलग फैक्ट्रियों में भी इस बात का निर्णय लिया गया है कि जो मजदूर और यहां काम करने वाले वैक्सीनेशन नहीं कराएंगे उन्हें फैक्ट्रियों में प्रवेश नहीं मिलेगा, वही इंदौर के रहवासि संघ ने भी यह निर्णय लिया है कि जो भी काम करने वाले है जैसे, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशन वह अन्य को भी बगेर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इंदौर कलेक्टर ने इस पूरे ही महा अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि इसी महा टारगेट पूरा कर लिया जाएगा.