रिपोर्ट.... सचिन बहरानी
जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानून लेने की घोषणा की वैसे ही देश मे विपक्षी पार्टियों को बयानबाजी का दौर शुरू हो गया, कही किसानों ने अपनी खुशी जताई कही नाच गाने है तो कही मिठाईयां बाती साथ ही किसान नेता राकेश टिकट ने भी कह दिया कि जब तक राज्यसभा में कानून रद्द नहीं होता तब तक किसान दिल्ली से हटने वाले नही । वही ट्विटर पर भी विपक्षी पार्टियों के नेतागण ने खूब ट्वीट किए और अपनी अपनी राय रखी और मोदी को और भाजपा के नेताओ को कोसते भी रहे इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कृषि क़ानून को लेकर कहा कि
देश का कृषि मंत्री जिसे खेती किसानी की abcd आती नहीं,आपको सही कानून बनाना है तो देश के विद्वान किसानों को साथ मे जरूर बताओ साथ ही किसानों के साथ खड़े रहने की बात भी कर रहे । सज्जन वर्मा ने कहा कि भाजपा नेता शुभ लाभ देखकर ही निर्णय लेते हैं किसान आंदोलन से पांच राज्यों में होने वाले नुकसान को देखते हुए ही कृषि कानून वापस लिया गया है। इसका भाजपा को कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा। इस आंदोलन में 600 लोग शहीद हुए हैं। सज्जन वर्मा ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को कृषि की एबीसीडी तक नहीं आती है इसलिए बेहतर होगा कि किसानों से चर्चा कर एमएसपी पर निर्णय लिया जाए. वही कंगना के सवाल पर कंगना रनौत को आड़े हाथ लेते हुए बोले कि एक महिला जिसको देश का ना इतिहास पता है ना भूगोल पता है वह महिला देश के इतिहास पर उंगली उठा रही है। चाटुकारिता की हद कर दी है कंगना ने। अगर नरेंद्र मोदी उनके भगवान हैं तो नरेंद्र मोदी के पैर चाट लें कंगना रनौत। ।