नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयर ट्रैफिक बढ़ाने के उद्देश्य से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की है। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि राज्य एक बार फिर जेट ईंधन पर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कम करें। नई दिल्ली में एक पत्रकारवार्ता के दौरान सिंधिया ने एयर ट्रैफिक बढ़ाने के उद्देश्य से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की है।
उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि राज्य एक बार फिर जेट ईंधन (एटीएफ) पर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कम करें। इस कदम से एयर ट्रैफिक को बढ़ाने में मदद मिलेगी। श्री सिंधिया ने कहा कि हालांकि, अभी कुछ राज्यों ने अपने यहां जेट ईंधन से वैट कम किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन राज्यों की सराहना करते हुए कहा है कि ईंधन कर में कमी करने के बाद एयर ट्रैफिक गतिविधियों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी इस दिशा में कदम आगे बढ़ाना होगा। जेट ईंधन एक विमान परिचालन का एक बड़ा हिस्सा होता है। वैल्यू ऐडेड टैक्स (वेट) को कम करने से कॉस्ट में कमी आएगी, जिसका सीधा प्रभाव एयर ट्रैफिक पर भी पड़ेगा। नागर विमानन मंत्री ने सिविल एविएशन क्षेत्र को मजबूत देने के लिए सभी हितधारकों के सहयोग और समर्थन पर जोर दिया।
कोरोना कम होने से अब उबर रहा एविएशन क्षेत्र
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि देश के आर्थिक विकास में विमानन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 का असर इस क्षेत्र पर पड़ा। लेकिन अब कोविड काम होने के बाद यह प्रगति कर रहा है। सरकार के सभी मंत्रालय ने इस चुनौती का सामना कर इस सेक्टर को उबारने में सहायता की। सरकार ने 9 एडवाइजरी समूह का गठन किया जो विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से संचालित है। इनमें से सब ग्रुप एयरलाइन, एयरपोर्ट, एमआरओ, फ्लाइंग, ट्रेंनिंग स्कूल, कार्गो, ग्राउंड हैंडलर, एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग इत्यादि शामिल है यह अच्छा काम कर रहे हैं और अब परिणाम मिल रहे है।
2023-24 तक 200 एयरपोर्ट विकसित करने का लक्ष्य
सिंधिया ने बताया कि देश में एयरपोर्ट विकसित करने का लक्ष्य दोगुना किया गया है। 2023-24 तक 200 एयरपोर्ट विकसित करने का लक्ष्य है। देश में कम से कम हर जिले में एक हेलीपैड विकसित करने का लक्ष्य का गया है। देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच और नेतृत्व में काम जारी है। पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना) लागू की गई है जिससे लघु और मध्यम स्टार्टअप के लिए यह मील का पत्थर साबित हो रही है। इसी प्रकार एमआरओ फ्लाइंग ट्रनिग प्रोग्राम इत्यादि की बाधाओं को दूर कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। देश के हर कोने तक वायु मार्ग का विस्तीकरण हो सके यह लक्ष्य है। साथ ही कार्गो हेंडलिंग व कृषि उडान इत्यादि योजनाओं की बाधाओं को भी दूर किया जा रहा है।
देश में ही ट्रेनिंग स्ट्रेक्चर को खड़ा करने की कोशिश
सिंधिया ने बताया कि देश में वर्तमान में 9500 पाइलेट की आवश्यकता है इनमें से 40 प्रतिशत विदेश में ट्रेनिंग लेते हैं। जिसमें एक पाइलेट की ट्रेनिंग में डेढ़ से दो करोड़ रुपए का खर्च आता है। इस ट्रेनिंग स्टे्रक्चर को देश में ही खड़ा किया जा रहा है। जिससे पायलेट को बेहतर ट्रेनिंग मिल सके और विदेशी मुद्रा की बचत हो सके।