ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस ने फर्जी जमानतदारों के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। मामले में क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपियों को फर्जी भू अधिकार पत्र (ऋण पुस्तिका) और सील सहित गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य पैसे लेकर अन्य आरोपियों को फर्जी दस्तावेज लगाकर जमानत दिलवाते थे।
दरअसल ग्वालियर पुलिस अधीक्षक को बीते कई दिनों से आरोपियों को फर्जी कागजात के आधार पर पैसे लेकर जमानत कराने का रैकेट चलाए जाने के संबंध में सूचना मिल रही थी इसी कड़ी में आज मुखबिर के जरिए पुलिस को सूचना मिली थी कि जिला न्यायालय के पास कुछ लोग फर्जी भू-अधिकार पत्र ऋण पुस्तिका के जरिए आरोपियों की जमानत करा रहे हैं। सूचना की तस्दीक करते हुए तत्काल पुलिस अधीक्षक अमित सांघी द्वारा एडिशनल एसपी क्राइम ब्रांच को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। क्राइम ब्रांच की टीम ने जिला न्यायालय परिसर के आसपास घेराबंदी की। मुखबिर के बताए गए हुलिए के आधार पर तीन संदिग्ध व्यक्ति देखे गए। पुलिस टीम द्वारा जब तीनों संदिग्ध व्यक्तियों को पकडऩे का प्रयास किया गया वैसे ही आरोपी भागने लगे।
क्राइम ब्रांच की टीम ने तीनों को धर दबोचा। उसके पास मौजूद सूटकेस को खोलकर देखा तो उसमें विभिन्न न्यायालयों में जमानत दी गयी भू अधिकार पत्र ऋण पुस्तिकाओं को मिलाकर 75 भू अधिकार पुस्तिकाएं, एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी समेत कई अधिकारियों की 32 सील, खाली पेपर, 6 सील पैड, 6 आधार कार्ड और एक प्रिंटर मिला। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया है कि वह स्वयं एसडीएम तहसीलदार की फर्जी सील ठप्पा लगाकर भू अधिकार ऋण पुस्तिकाएं तैयार करते थे। आरोपियों के परिजनों से मोटी रकम वसूल किया करते थे और उन्हें फर्जी जमानत भरवाई जाती थी।फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों के विरुद्ध इंदरगंज थाने में आईपीसी के सेक्शन 420, 465, 467, 468, 471 और 472 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अब पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है कि आखिर उनके द्वारा पूर्व में किन-किन लोगों को इस प्रकार फर्जी जमानत दिलवाई गई थी।