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ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में देख सकते है एलईडी स्क्रीन पर संविधान की मूलप्रति

by NewsDesk - 25 Jan 22 | 89

ग्वालियर इस साल पूरा देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. 26 जनवरी 1950 को ही भारतीय संविधान को आत्मसात किया गया था. संविधान के बारे में सब ने सुना है लेकिन बहुत ही कम लोग होंगे, जिन्होंने संविधान की मूल प्रति को देखा है. अगर आपके मन में भी संविधान की मूल प्रति देखने की उत्सुकता है तो मध्य प्रदेश में केवल एक ही जगह ग्वालियर सेंट्रल लाइब्रेरी में आपको हस्तलिखित भारत के संविधान की मूलप्रति देखने को मिल सकती है, जिसे अब आप डिजिटल टच स्क्रीन पर भी पढ़ सकेंगे 1953 में देश के अलग अलग हिस्सों में संविधान की 16 मूल प्रतियां भेजी गईं थीं. 
ग्वालियर सेंट्रल लाइब्रेरी में यह मूलप्रति 31 मार्च 1956 को आई थी. मध्य प्रदेश में ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी ही ऐसी जगह है जहां संविधान की इस मूल प्रति को रखा गया है. जिसे लोग राष्ट्रीय पर्व के मौके पर देख सकते हैं. विशेष तरीके से संरक्षित की गई संविधान की इस मूल प्रति को अब डिजिटली भी देखा जा सकता है. इसके लिए लाइब्रेरी में एक बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है. स्क्रीन पर लोग संविधान की मूलप्रति को आसानी से देख और पढ़ सकते हैं,संविधान की मूल प्रति को देखने और खुद को गौरवान्वित महसूस करते हुए लोग यहां स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस और संविधान दिवस के मौके पर दूर-दूर से यहां आते हैं. सेंट्रल लाइब्रेरी के प्रभारी राकेश शर्मा और विवेक सोनी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसका डिजिटल संस्करण लोगों को दिखाया जा रहा है. जिसे देखने के लिए कोई भी व्यक्ति सेंट्रल लाइब्रेरी में जाकर अपना पास बनवा सकता है, और खुद ही टच एलसीडी स्क्रीन पर संविधान की मूल प्रति को देख और पढ़ सकता है.

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