ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष और ग्वालियर जिले के एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष शिवराज यादव को गिरफ्तार कराए जाने का मामला तूल पकड़ गया है। इस घटना को लेकर एनएसयूआई के समर्थन में कांग्रेस भी उतर आई है। लिहाजा विश्वविद्यालय के मेन गेट के बाहर, एनएसयूआई और कांग्रेस के नेताओं ने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया और जीवाजी विश्वविद्यालय में धारा 52 लगाए जाने की मांग उठाई।
दरअसल गुरुवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ता मैनेजमेंट के स्टूडेंट के समर्थन में जीवाजी विश्वविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में कुलपति के कैबिन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। यह विरोध प्रदर्शन एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष और ग्वालियर जिले के जिलाध्यक्ष यादव के नेतृत्व में चल रहा था। जीवाजी विश्वविद्यालय में 5 घंटे विरोध प्रदर्शन चला.... जब मामले की भनक जिले के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को लगी तो वह गुस्से में आग बबूला हो गए। उन्होंने जमकर छात्र-छात्राओं की क्लास ली... उन्होंने छात्र छात्राओं से कई सवाल किए इस पर वहां मौजूद एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवराज यादव ने आपत्ति जताई और कलेक्टर से कहा कि आप छात्र-छात्राओं की आवाज को दबाने का काम कर रहे हैं। कलेक्टर गुस्से में आ गए, उनका पारा चढ़ गया.... उन्होंने तुरंत वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवराज यादव को गिरफ्तार करा दिया। बाद में उन्हें पुलिस ने रिहा कर दिया। लेकिन एनएसयूआई और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सियासी जंग छेड़ दी। उन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय में धारा 52 लगाए जाने की मांग उठाई और धरना प्रदर्शन किया इस दौरान उन्होंने कहा कि कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह बेरोजगार युवकों को रोजगार देने में अक्षम है। लेकिन पढ़ाई कर रहे छात्रों से अनाप-शनाप सवाल-जवाब कर रहे हैं, प्रदेश की सरकार रोजगार दे नहीं पा रही लेकिन ग्वालियर कलेक्टर इस तरह से छात्रों पर ही उल्टा सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं एनएसयूआई और कांग्रेस ने कडेर प्रदर्शन की चेतावनी दी है।