ग्वालियर में 18 करोड़ की ठगी के मामले में फरार चल रहा पांच हजार रुपए के इनामी केनरा बैंक के तत्कालीन मैनेजर को क्राइम ब्रांच व विश्वविद्यालय पुलिस ने खण्डवा से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें पिछले एक माह से देश के कई राज्यों में दबिश दे चुकी थीं, लेकिन आरोपी पुलिस को चकमा देकर निकल जाता था। दो साल में आधा सैकड़ा ठिकानों पर दबिश दी जा चुकी थी पर मंगलवार रात मुखबिर से सूचना मिली की आरोपी को खंडवा में देखा गया है जिसमे बाद मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की और उसे गिरफ्तार कर लिया है। अब पुलिस अफसर उससे पूछताछ कर रहे हैं।
दरअसल वर्ष 2017 में क्राइम ब्रांच व विश्वविद्यालय थाने में केनरा बैंक के तत्कालीन मैनेजर सचिन सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपी पर 18 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप था। मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था और क्राइम ब्रांच व थाना पुलिस आरोपी की तलाश में दबिश दे रही थी। आरोपी को पकड़ने का टास्क पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय व क्राइम ब्रांच की दो अलग-अलग टीम बनाई गईं टॉस्क मिलते ही पुलिस टीम को आरोपी की लोकेशन चेन्नई में मिली। टीम उसका पीछा करते हुए पहले चेन्नई पहुंची तो आरोपी यहां से भाग निकला। पुलिस लगातार उसका पीछा करती रही। आरोपी पुणे महाराष्ट्र होते हुए खंडवा पहुंचा था। मुखबिर की सूचना पर खंडवा पहुंची और पुलिस ने उसकी समय पर घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी पर कुल छह मामले दर्ज है, जिसमें एक क्राइम ब्रांच तथा पांच विश्वविद्यालय में दर्ज है।पुलिस पड़ताल में पता चला है कि आरोपी ने मैनेजर रहते समय फर्जी नामों पर 18 करोड़ का लोन फाइनेंस कराया था। इसके बाद जब लोन की जानकारी जुटाई तो पता चला कि मंजूर हुए सभी लोन फर्जी आईडी से निकाले गए हैं और इसका खुलासा होते ही आरोपी फरार हो गया था। आरोपी के फरार होने का पता चलते ही बैंक प्रबंधन ने मामला दर्ज कराया था।