पूर्व मंत्री एवं विधायक राघौगढ़ जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में आज दिनांक 11 मार्च 2022 को प्रष्नोत्तरकाल में मेरा तारांकित सरल क्रमांक 12 पर प्रष्न क्रमांक 2015 जो कि राघौगढ़ जिला गुना में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के अन्तर्गत स्थापित औद्योकिग इकाईयों द्वारा प्रदूषण फैलाने से संबंधित था, चर्चा के दौरान सदन में माननीय पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग द्वारा लिखित में दिये गये उत्तर पर मेरे द्वारा चार पूरक प्रश्न पूछे गये थे, जो कि मंत्री जी द्वारा सदन में अनुत्तीत है। मेरे द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न निम्नानुसार है:-
1गेल और एनएफएल दोनों इकाईयों में कब-कब एनवाॅयरमेंट इम्पेक्ट असेसमेट किया गया ?
2इनवाॅयरमेन्ट क्लियरेंस इन दोनों फैक्ट्रियों को कब-कब मिला ?
3एनएफएल से जो पानी निकास होता है वह चैपन नदी में जाता है और चैपन नदी षामिल है गंगा रिवन मिषन में तो वह पानी को रोकने के लिये क्या कदम उठाये गये है ? कृपया बताये।
4कार्बन मापन नहीं किया गया है, जबकि कार्बन डाईआॅक्साइड का गेल फैक्ट्री द्वारा प्रतिघंटा 56 टन उत्सर्जन किया जा रहा है, जो पर्यावरण एवं मानव जीवन दोनों के लिये खतरनाक है ?
जब विभागीय मंत्री सदन में उत्तर नहीं दे सकें, तो ऐसी स्थिति में संसदीय कार्य मंत्री जी को हस्तक्षेप करते हुये स्वीकार किया कि कार्बन का मापन होना चाहिये एवं माननीय सदस्य का जो सवाल है चूंकि प्रश्नकाल का समय पूरा हो गया है, हम आपको लिखित में जबाव भिजवा देगें। ऐसी स्थिति में जब सदन के माननीय सदस्य को प्रश्नकाल में मौखिक पूरक प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया जाना, विभागीय मंत्री की अज्ञानता एवं अक्षमता की ओर इशारा कर रहा है। मंत्री जी के लिखित प्रश्न में यह स्वीकार किया गया है कि उन इकाईयों का कार्बन मापन नहीं किया गया है और हवा की गुणवत्ता खराब होने से श्वास संबंधी रोग जैसे फेफड़े आदि के रोग होने की संभावना होती है। गेल इकाई के संबंध में तत्कालीन विभागीय प्रमुख सचिव/महाप्रबंधक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भोपाल द्वारा पत्र दिनांक 04/11/2016 को जारी आदेश में गेल कम्प्रेसर स्टेशन के लिये इन्वायरमेन्ट क्लीरेन्स की अनुमति मांगी गई थी, वह अनुमति Specific reason, the industry has failed to provide plan for recovery of CO2 During inspection by RO huge smoke emissions were observed from process taken which indicates poor air pollution control system के कारण खारिज की गई। उसके बावजूद बिना किसी अनुमति के इकाई में 56 टन प्रतिघण्टा कार्बन डाई आॅक्साईडा उत्सर्जन हो रहा है।
मेरे विधानसभा क्षेत्र राघौगढ़ के स्थानीय लोग प्रदूषण की चपेट में आ रहे है। उन्हंे बचाने के लिये हर स्तर पर कार्यवाही करूंगा। यह मामला मैं पुनः विधानसभा में नियम 52 के तहत आधे घण्टे के माध्यम से उठाऊंगा और जरूरत पड़ी तो मैं प्रश्न संदर्भ समिति में उठाऊंगा और फिर भी न्याय नहीं मिला तो मैं माननीय न्यायालय की शरण में भी जाकर क्षेत्रीय निवासियों को न्याय दिलाऊँगा।