ईरान की बर्बरता आई समाने, सजा के तौर पर साफ कराए रहे मुर्दाघर
तेहरान। हिजाब को लेकर ईरान सरकार बेहद सख्त हो रही है। जहां महिलाओं को कानून के उल्लंघन करने पर जेल में डाला जा रहा है, वहीं मानसिक इलाज के नाम पर परेशान करके उनसे मुर्दाघर साफ कराए जा रहे हैं। यहां जितना विरोध हिजाब का हो रहा है, सरकार ने हिजाब कानून को और सख्त कर दिया। अब खबर है कि हिजाब कानून का उल्लंघन करने वाली महिलाओं के साथ अत्याचार किए जा रहे है। गौरतलब है कि ईरान में हिजाब को लेकर हिरासत में ली गई छात्रा महसा अमीनी की मौत को 1 साल होने वाला हैं। महसा की मौत पिछले साल 16 सितंबर को हुई थी। तब से महिलाएं काफी विरोध कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की सरकार सख्त हिजाब कानून का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को मानसिक इलाज के लिए भेज रही है। वहीं स्वास्थ्य देखभाल संगठनों ने चेतावनी दी है कि देश की न्यायपालिका इस उद्देश्य के लिए मानसिक चिकित्सा का उपयोग कर रही है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक महिलाएं कड़े प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रही हैं, ईरान की सरकार उतने ही कड़े कदम उठा रही है। इन विरोधों में ईरानी अभिनेत्री अफसानेह बेयेगन भी शामिल हैं, जिन्होंने बार-बार अपने खुले बालों की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट की हैं। वह हाल ही में एक सार्वजनिक समारोह में बिना हिजाब के शामिल हुईं।
जानकारी के अनुसार 61 वर्षीय अफसानेह बेयेगन को दो साल जेल की सजा सुनाई गई। उन्हें एंटी फैमिली पर्सनालिटी डिसऑर्डर का इलाज करने के लिए सप्ताह में एक बार मनोवैज्ञानिक केंद्र जाने को कहा गया है। इसके पहले तेहरान प्रांत की एक अदालत ने एक अन्य महिला को बिना हिजाब के गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर एक महीने तक मुर्दाघर में लाशों को साफ करने की सजा सुनाई। ईरान विशेषज्ञ और यूनिवर्सिटी पेरिस सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर अजादेह कियान ने कहा कि अफसानेह बेयेगन को जो सजा दी गई है वह एक उदाहरण है। महसा अमीनी की हिरासत में मौत के बाद देश की कई महिलाओं ने हिजाब छोड़ने का फैसला किया।
बता दें कि इन्हें ईरान की नैतिकता पुलिस ने अनुचित तरीके से हेडस्कार्फ़ पहनने के लिए हिरासत में लिया था। जबकि अन्य ईरानी हस्तियों, एथलीटों और अभिनेत्रियों ने भी इसी तरह का कदम उठाया था। ईरानी न्यायाधीशों ने हाल ही में एक अंतिम संस्कार में हिजाब के बजाय टोपी पहनने के बाद अभिनेत्री अज़ादेह समदी को एंटी पर्सनालिटी डिसऑर्डर का इलाज करवाने का फैसला सुनाया था। देश की मुख्य न्यायपालिका को भेजे गए एक खुले पत्र में, ईरान में चार मानसिक स्वास्थ्य संगठनों के अध्यक्ष घोलम-होसैन मोहसेनी ईजेई ने अधिकारियों पर अन्य उद्देश्यों के लिए मनोरोग का शोषण करने का आरोप लगाया।