मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस बार चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है। वहीं, सीएम के नाम पर सबसे बड़ा सस्पेंस है। सवाल है कि चुनाव परिणाम के बाद चेहरा कौन होगा ! चेहरे के नाम पर बीजेपी के सीनियर सीधे कुछ भी बोलने से बचते हैं। इस बीच चुनाव से पहले पहले एमपी में बीजेपी विजय संकल्प यात्रा निकाल रही है। इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान इकलौते चेहरे नहीं हैं। यह सीएम के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पार्टी ने इन यात्राओं के लिए पांच नाम फाइनल किए हैं।
पार्टी ने मन बना लिया है कि 2018 के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार अकेले शिवराज जन आशीर्वाद यात्रा का इकलौता चेहरा नहीं होंगे, न ही पिछली बार की तरह शिवराज इस बार अकेले इस जन आशीर्वाद यात्रा को लीड करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने इस बार एक की बजाए प्रदेश के अलग-अलग हिस्से से पांच अलग-अलग यात्राएं निकालने की योजना बनाई है। सितंबर के महीने में ये यात्राएं शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री और एमपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक बनाए गए नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और एमपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रदेश के अलग-अलग हिस्से से निकलने वाली इन पांचों यात्राओं का चेहरा होंगे। ये नेता आवश्यकता पड़ने पर कभी-कभी दूसरे इलाकों में चल रही यात्रा में भी शामिल होंगे। पार्टी इन पांचों नेताओं के अलावा कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों और राज्य के दिग्गज नेताओं का भी इस्तेमाल यात्रा के दौरान करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, एक जन आशीर्वाद यात्रा प्रदेश की लगभग 46 विधान सभा सीटों को कवर करेगा। इस तरह से प्रदेश की सभी 230 विधान सभा सीटों को कवर करने के बाद इन पांचों यात्रा का समापन प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ को भी संबोधित करेंगे, जिसमें बूथ स्तर के कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह के घर पर हुई बैठक में जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर यह बड़ा फैसला किया गया है। चौहान ने बैठक के दौरान इस यात्रा के कार्यक्रम और नेतृत्व का मसला भी उठाया था, लेकिन पार्टी आलाकमान ने एक तरह से उनके सुझाव को नकारते हुए यह फैसला किया कि बीजेपी इस बार राज्य के चुनाव में प्रदेश के किसी एक नेता को चेहरा नहीं बनाएगी, बल्कि पार्टी के कई अन्य दिग्गज नेताओं को भी अलग-अलग इलाकों में इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। इस फैसले के साथ ही बीजेपी आलाकमान ने साफ तौर पर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि इस बार सामूहिक नेतृत्व में ही मध्य प्रदेश का चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने चुनाव अभियान की कमान नरेंद्र सिंह तोमर को सौंप दी है। साथ ही बाकी चीजों पर सीधा दिल्ली का कंट्रोल है। चुनाव को लीड कर तमाम लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की टीम के लोग हैं।