G-20: आजकल एक शब्द अपने खूब सुना होगा- G20, आप में से कई लोग जानते भी होंगे कि यह किस चिड़िया का नाम है। वहीं कुछ लोगों को इसके बारे में विस्तार से जानकारी होगी तो कुछ लोग केवल इतना जानते होंगे कि यह 20 देशों का समूह है।इस साल जी-20 समूह की अध्यक्षता भारत को मिली थी। इसी क्रम में 9 और 10 सितंबर को इस समूह का शिखर सम्मलेन होने वाला है। इस सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर के नेता व संगठनों की प्रतिनिधि जुटेंगे। हां, यह बीस देशों का समूह है लेकिन केवल यह ही इसका परिचय नहीं है।
हर साल इसकी एक मीटिंग होती है, जिसमें दुनियाभर के नेता और प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं। इस बार इसकी अध्यक्षता की जिम्मेदारी भारत को मिली है। वैसे तो पिछले एक साल से इससे जुड़े कार्यक्रम देशभर में आयोजित हो रहे हैं लेकिन इसकी मुख्य बैठक देश की राजधानी दिल्ली में नौ और दस सितंबर को हो रही है। बैठक की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आइये इस लेख में आपको बताते हैं कि आखिरकार यह जी-20 है क्या और इस समूह का गठन क्यों, कब और किसने किया था?
कब हुई G20 की स्थापना !
G20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और देशों के केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन 2007 में दुनिया एक बार फिर से आर्थिक संकट में फंस गया। इसके बाद इस समूह का विस्तार किया गया और इसमें साल 2007 के दौरान देशों के प्रमुखों को भी शामिल किया गया। इसके बाद साल 2009 में इसे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग हेतु प्रमुख मंच के रूप में नामित किया गया था। G20 की पहली बैठक साल 1999 में बर्लिन में हुई थी। इसकी स्थापना का श्रेय G7 के सदस्य देशों को दिया जाता है। इनकी ही पहल पर इसका गठन किया गया था। बता दें कि इस समूह का कोई स्थाई कार्यालय नहीं है।
कौन हैं जी-20 समूह के स्थाई सदस्य !
जी-20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। ये सभी सदस्य मिलकर दुनिया की जीडीपी का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। इसके अलावा इन देशों का वैश्विक व्यापार में हिस्सा भी अस्सी फीसदी है और दुनिया की दो तिहाई आबादी यहां ही रहती है।
इस बार की बैठक में कौन-कौन हो रहा शामिल !
स्थाई सदस्यों के साथ- साथ इस बार कई अन्य देशों को भी इस बैठक में शामिल होने के लिए न्योता दिया गया है। इस बार की शिखर सम्मेलन में मेहमानों की लिस्ट में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाईजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, और यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं। इसके अलावा इस शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए दुनियाभर के कई संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है। इसमें संयुक्त राष्ट्र संघ, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी और क्षेत्रीय संगठन एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान की पीठों के अतिरिक्त G20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है।
इस बार क्या होगा ख़ास !
जी-20 समूह के शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता के दौरान भारत, इंडोनेशिया और ब्राज़ील ट्रोइका का गठन करेंगे। यह पहली बार होगा जब ट्रोइका में तीन विकासशील देश और उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल होंगी, जो उन्हें वैश्विक शक्तियों के मध्य बढ़त प्रदान करेंगी। ट्रोइका, G20 के भीतर शीर्ष समूह को संदर्भित करता है जिसमें वर्तमान, पिछले और आगामी अध्यक्ष पद वाले देश (इंडोनेशिया, भारत और ब्राज़ील) शामिल हैं।
भारत सरकार ने पूरी की तैयारी
भारत की राजधानी दिल्ली में होने वाले इस शिखर सम्मलेन के लिए सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। विदेशी महमानों को ठहराने के लिए दिल्ली कई पांच सितारा होटल बुक कर दिए गए हैं। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के लिए तमाम जरुरी कदम उठाए हैं। दिल्ली सरकार ने 8 से 10 सितंबर तक दिल्ली के कई इलाकों को बंद करने का आदेश भी जारी कर दिया है। इसके सतह ही इन तीन दिनों तक सबही स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान भी बंद रहेंगे।