मुंबई । कई तरह के नियामकीय प्रावधान लागू किए जाने से कमर्शियल वाहनों 10-12 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने रिपोर्ट में कहा कि घरेलू वाहन उद्योग इस समय तेज बदलावों के दौर से गुजर रहा है। वाहन उद्योग ने बहुत कम समय में सख्त उत्सर्जन मानकों को अपनाया है।
सरकार उत्सर्जन मानकों, सुरक्षा प्रणालियों और अन्य मानदंडों को लागू करने पर जोर दे रही है। इसका मकसद भारत को अन्य प्रमुख वाहन बाजारों के समान स्तर पर लाना है। एजेंसी ने कहा कि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कमर्शियल वाहनों की बड़ी हिस्सेदारी है। इसलिए, भारतीय वाहन उद्योग में कमर्शियल वाहन श्रेणी पर विशेष ध्यान है। चालकों की सुविधा व सुरक्षा बढ़ाने के उपाय भी लागू किए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में वाहन उद्योग में कुछ अन्य नियामकीय बदलाव भी होने वाले हैं। कमर्शियल वाहनों के चालक के केबिन में एयर कंडीशनर को जनवरी, 2025 से अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा आपात स्थिति में सुरक्षित ब्रेकिंग प्रणाली (एबीएस), स्पीड लिमिटिंग डिवाइस (एसएलडी), केबिन में ब्लोवर सुविधा, चालक को सतर्क करने वाली प्रणाली और वाहन में आग लगने की स्थिति में अलार्म बजने जैसी प्रणालियां लागू करने की तैयारी है।