करांची। जिस तालिबान को पाकिस्तान ने पाल-पोसकर बड़ा किया। अब वही तालिबान उसके लिए गले की फांस बनता जा रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी की टीटीपी ने पाकिस्तान के खिलाफ खुली जंग छेड़ दी है। अफगानिस्तान से सटे तोरखम बॉर्डर टर्मिनल पर पाकिस्तानी सेना और टीटीपीके बीच भीषण गोलीबारी हो रही है। अब तक पाकिस्तान के 4 सैनिकों की मौत हो चुकी है। वहीं, कई सैनिकों को बंधक बनाने की बात भी सामने आई है। एहतियात के तौर पर पाकिस्तान ने तोरखम बॉर्डर को सील कर दिया है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले में टीटीपी ने बड़े पैमाने पर पाकिस्तान की सेना के खिलाफ अटैक शुरू कर दिया है। तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी के एक कमांडर ने अफगानिस्तान की मीडिया को बताया कि उन्होंने पाकिस्तान के कई गांवों पर कब्जा कर लिया है।
फिलहाल वह खराब इंटरनेट की समस्या से जूझ रहे हैं और इंटरनेट ठीक होते ही कब्जे की तस्वीरें भी साझा करेंगे। डूरंड लाइन पर जारी है बवाल अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आ रही अलग-अलग मीडिया रिपोट्र्स में भी दावा किया जा रहा है कि डूरंड लाइन पर पाकिस्तान और टीटीपी के लड़ाकों के बीच भीषण गोलीबारी हो रही है। इसे देखते हुए ही तोरखम बॉर्डर सील कर दी गई है। हालांकि, गांवों पर कब्जे की बात से पाकिस्तान इनकार कर रहा है। पाक सेना के अधिकारियों का कहना है कि टीटीपी के लड़ाकों ने पाकिस्तान के किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है। लोगों से शांत रहने की अपील इधर, टीटीपीके प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने बयान जारी कर बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले लोगों से शांत रहने की अपील की है। खुरासानी ने कहा है कि उनकी लड़ाई पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के खिलाफ है। वह आम लोगों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। पाकिस्तान के खिलाफ छेड़ रखी है जंग बता दें कि नवंबर 2022 से ही टीटीपीने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जंग छेड़ रखी है।
टीटीपीका कहना है कि वह पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को हराकर वहां की सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकेगा। इसके बाद तहरीक-ए-तालिबान वहां शरिया कानून का पालन करने वाली सरकार बनाएगा। अपने इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए टीटीपीने पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान के अंदर कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है। कई पाक सैनिकों की हो चुकी है मौत टीटीपीको अल-कायदा का करीबी माना जाता है। 2 सितंबर को अफगानिस्तान सीमा से लगे कबायली इलाके में पाक सेना ने एक खुफिया ऑपरेशन को अंजाम दिया था। ऑपरेशन का मकसद वहां छिपे टीटीपीलड़ाकों को खत्म करना था, लेकिन इस मुठभेड़ में पाकिस्तानी सेना के एक मेजर और एक सैनिक की ही मौत हो गई थी। इसके ठीक दो दिन पहले खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी के आत्मघाती हमले में 9 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। टीटीपी के हाथ लगे हाइटेक हथियार टीटीपी और पाक सेना की झड़प पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर का बयान भी आया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो हथियार छोड़े थे, वह अब तहरीक-ए-तालिबान के उग्रवादियों के हाथ लग गए हैं। हाल ही में टीटीपी ने भी वीडियो जारी कर दावा किया था कि उसके पास लेजर और थर्मल इमेजिंग सिस्टम वाली बंदूकें सहित कई हाइटेक हथियार हैं। वहीं, इस मुठभेड़ के कारण बॉर्डर सील होने से दोनों तरफ जरूरत के सामानों से लदे ट्रक खड़े हैं और बॉर्डर खुलने का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान-अफगानिस्तान ज्वाइंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक इन झड़पों से व्यापारियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बॉर्डर पर खड़े ट्रकों में लदी सब्जियां और फल सडऩे लगे हैं।