अफ्रीकी देश मोरक्को में सुबह-सुबह भूकंप ने भीषण तबाही मचा दी है. यहां धरती में हुए कंपन के बाद कई इमारतें ढह गईं. अब तक 800 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बीती रात को 6.8 की तीव्रता से जोरदार भूकंप आया था. इस प्राकतिक आपदा को लेकर देश के संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने कहा कि यह बीते 120 से अधिक सालों में उत्तरी अफ्रीकी राष्ट्र के इस हिस्से में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप से हाहाकार मचा है।
आपको बताते चलें कि यूं तो अफ्रीकी और यूरेशियाई प्लेटों के बीच स्थित होने के चलते मोरक्को में अक्सर भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं. USGS ने बताया कि 1900 के बाद से इस इलाके के 500 किमी क्षेत्र में कोई भी एम6 लेवल या इससे बड़ा भूकंप नहीं आया है. यहां अभीतक M-5 लेवल के मात्र 9 भूकंप ही दर्ज किए गए हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लेकिन इस हिस्से में ये बीते सौ सालों में ऐसा सबसे बड़ा भूकंप है.
इससे पहले पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में साल 2004 में तेज भूकंप के झटके आए थे, तब 628 लोगों की मौत हुई थी. उस दौरान करीब 1000 लोग घायल हुए थे. भयानक भूकंप के चलते कई पुरानी इमारतें ढह गईं. शहर में एंबुलेस और आपात सेवाओं की कमी दिख रही है. बताया जा रहा है कि लोग डरे हुए हैं और दूसरे भूकंप की आशंका के चलते घरों से बाहर निकल आए हैं. भूकंप इतना जोरदातर था कि उसका असर भूकंप के केंद्र मराकेश से करीब 350 किलोमीटर दूर राजधानी रबात में भी महसूस किया गया.
मोरक्को में भूकंप के चलते हुई तबाही पर PM नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए हर संभव सहायता का भरोसा दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुख हुआ. इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं." प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, "उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हुए उन्होंने कहा, भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है."