तबाही से बचाने के हो रहे प्रयास, ताकतवर देशों ने की दोनों से युद्ध रोकने की अपील
आर्मेनिया। अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच युद्ध शुरु हो गया है। ताजा जानकारी के मुताबिक इसमें चार सैनिकों तथा दो आम लोगों की जान चली गई है। यहां दोनों देशों के बीच संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि आर्मेनिया के नियंत्रण वाले नागोर्नो-काराबाख में तोपखानों से समर्थन देते हुए अपने सैनिकों को भेजा हुआ है। साथ ही इसे एक आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन बताया। अजरबैजान ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक आर्मेनियाई सेना आत्मसमर्पण नहीं करती उसका अभियान नहीं रुकेगा। अजरबैजान की ओर से सैन्य आक्रमण शुरू करने से पहले उसके चार सैनिकों की मौत हो गई, दो आम नागरिक लैंडमाइन की चपेट में आने से मारे गए। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।
अजरबैजान बलों ने विवादित नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में अर्मेनियाई ठिकानों पर गोलीबारी की है। इस बीच, जातीय अर्मेनियाई अधिकारियों ने दावा किया कि क्षेत्र की राजधानी के आसपास तोपखाने की गोलीबारी में कम से कम दो नागरिक मारे गए और 11 घायल हो गए। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच वर्षों से तनाव व्याप्त है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक क्षेत्र की राजधानी में भारी तोपखाने की गोलीबारी में कम से कम दो नागरिक मारे गए, जबकि 11 अन्य घायल हो गए। अजरबैजान मंत्रालय ने कहा कि अर्मेनिया के सशस्त्र बलों के खिलाफ और सैन्य संपत्तियों पर हाई-टेक्नोलॉजी वाले हथियारों का इस्तेमाल करते हुए केवल वैध सैन्य लक्ष्यों पर हमला किया गया था। इस मामले में नागोर्नो-काराबाख मानवाधिकार लोकपाल ने कहा कि अजरबैजान की सेना के हमलों में 2 नागरिक मारे गए और 23 घायल हो गए है।
अजरबैजान के इस सैन्य आक्रमण को रोकने के लिए आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने नागोर्नो-काराबाख में तैनात रूसी शांति सेना से हस्तक्षेप करने की मांग की है। अर्मेनियाई प्रधान मंत्री निकोल पशिनियन ने कहा कि उनकी सेना लड़ाई में शामिल नहीं थी और सीमा पर स्थिति ‘स्थिर’ थी। वहीं रूस ने कहा कि वह अजरबैजान और आर्मेनिया दोनों के संपर्क में है और उसने दोनों पक्षों से नागोर्नो-काराबाख संघर्ष को हल करने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के अजरबैजान और आर्मेनिया दोनों के प्रतिनिधिमंडलों से चल रहे हमले के संबंध में बात करने की संभावना है। यूरोपीय संघ ने भी मंगलवार को काराबाख में सैन्य वृद्धि की निंदा की और अजरबैजान से अपनी वर्तमान सैन्य गतिविधियों को रोकने का आह्वान किया।