भोपाल। चंद्रयान-3 मिशन में सफल योगदान के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने चार सीपीएसई भेल, एफसीआरआई, एचएमटी और इंस्टूमेंटेशन लिमिटेड को सम्मानित किया गया है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पाण्डेय के मुख्य आतिथ्य में पलक्कड़ में आयोजित एक भव्य समारोह में चारों कम्पनियों के डायरेक्टर और अफसरों तथा कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय, एमएचआई की डॉ रेणुका मिश्रा, आर्थिक सलाहकार, राजेश कुमार उप सचिव, इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की स्वतंत्र निदेशक डॉ आरएच लता, सीएमडी टी रवि, पीके वशिष्ठ महाप्रबंधक और यूनिट हेड एफसीआरआई, डॉ राम मोहन निदेशक, डॉ एम सुरेश उप निदेशक भेल, एसएम रामनाथन जीएम प्रभारी त्रिची और रानीपेट, मोहन कुमार जीएम एचएमटी, के अलावा आईएल, एफसीआरआई, भेल, एचएमटी के कर्मचारी, पत्रकार इत्यादि उपस्थित थे।
इस इस अवसर पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे ने चारों कंपनियों के डायरेक्टर, कर्मचारी और अधिकारियों को चंद्रयान-3 की सफलता में योगदान के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि हम सब मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेड इन इंडिया मिशन को सफलता के पायदान पर पहुंचाने में अपनी सकारात्मक विकास की भूमिका अदा करेंगे। केंद्रीय मंत्री डॉ पांडे ने कहा कि आने वाले समय में देश के औद्योगिक विकास में सभी औद्योगिक संस्थानों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
स्वदेशी तकनीक आधारित उत्पाद को दे रहे बढ़ावा : डॉ लता
इस अवसर पर मध्यप्रदेश से नाता रखने वाली इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की स्वतंत्र निदेशक डॉ आरएच लता ने भारत सरकार से आई एल को मिनी रत्न कंपनी का दर्जा देने की मांग रखते हुए कहा कि चार सीपीएसई को प्रोत्साहित करने के लिए पलक्कड़ पहुंच कर हमारा उत्साहवर्धन करने और हम सब को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे को धन्यवाद देती हूं। उन्होंने कहा कि मैंने मिनिस्ट्री से इतना सक्रिय समर्थन कभी नहीं देखा है, यह मोदी सरकार की सकारात्मक कार्यशैली है। डॉ लता ने कहा कि मंत्री श्री पाण्डेय स्वयं इतने मेहनती हैं कि लगातार यात्रा कर विभाग और पार्टी दोनो को मजबूत कर रहे हैं। यह आपकी कड़ी मेहनत का एक ज्वलंत उदाहरण हैं। डॉ लता ने कहा कि मैं लगभग 2 वर्षों से इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की स्वतंत्र निदेशक हूं और सभी स्तरों पर कंपनी के विकास कार्यों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया है।
इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड देश की एक जानी-मानी सीपीएसई है। प्रक्रिया नियंत्रण प्लांट्स के लिए कंट्रोल वाल्व बनाती है और सभी क्षेत्र की प्रक्रिया नियंत्रण प्लांट जैसे न्यूक्लियर, थर्मल, स्टील, उर्वरक, ऑयल और गैस, पेट्रोकेमिकल, पेपर एंड पल्प प्लांट के लिए अपने उत्पाद देसी तकनीक से खुद विकसित कर भारत में निर्मित करते हुए भारत के स्वदेशी तकनीक आधारित कंट्रोल वॉल देश-विदेश में आपूर्ति करती हैं। डॉ लता ने बताया कि इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड निरंतर लाभ कमाने वाली कंपनी बन कर भारत सरकार को लाभांश भी दे रही है। कंपनी ने वर्ष 2021-22 में सरकार को 3.51 करोड़ का लाभांश दिया है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी तकनीक आधारित उत्पाद बनाने के कारण देश की विदेशी मुद्रा को बचाने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके अलावा प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के मेड इन इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
चंद्रयान-3 के लिए इसरो को समय पर दिया कंट्रोल वाल्व : डॉ लता ने कहा कि इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड ने चंद्रयान-3 मिशन के रॉकेट टेस्टिंग फैसिलिटी के लिए इसरो को अपने कंट्रोल वाल्व समय पर आपूर्ति करके चंद्रयान के सफल मिशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी के पास गगनयान मिशन के लिए भी कंट्रोल वालों के आर्डर हैं और उस पर काम चल रहा है।
हर क्षेत्र में आई एल की हो रही तारीफ : कार्यकम को संबोधित करते हुए आईएल की स्वतंत्र निदेशक डॉ लता ने कहा कि आज अपने स्वदेशी तकनीक आधारित प्रोडक्ट को कंपनी विदेश में भी आपूर्ति कर रही हैi उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में कंपनी ने 4 नए उत्पाद अपनी खुद की डिजाइन और इंजीनियरिंग क्षमता से विकसित किए और अभी 7 नए उत्पादों पर कार्य चल रहा है। अपने बिजनेस क्षेत्र के विस्तार के लिए आईएल ने एक ठोस योजना बना ली है। आईएसओ 9001 क्वालिटी सर्टिफिकेशन पाने वाली भारत की पहली कंट्रोल वाल्व कंपनी बन गई है। आईएल ने स्वदेशी न्यूक्लीयर पावर प्लांट को कंट्रोल वाल्व दिए हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री और प्लांट के अफसरों ने भी आईएल की तारीफ की है।
ईशा फाउंडेशन का किया अवलोकन : पलक्कड़ जाने से पूर्व भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पाण्डेय, आईएल की स्वतंत्र निदेशक डॉ आरएच लता सहित सभी कंपनियों के कर्मचारी और अधिकारियों ने ईशा फाउंडेशन का दौरा कर वहां का अवलोकन कर भगवान से सर्व कल्याण की प्रार्थना की।