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इजरायल-हमास युद्ध में डबल गेंम खेल रहा चीन, ईरान का समर्थन उधर इजराइल की तारीफ - अमेरिका को टक्कर देने उतरे छह युद्धपोत

by NewsDesk - 26 Oct 23 | 14

नई दिल्ली। इजरायल-हमास युद्ध का मंगलवार को अठारहवां दिन है। इस बीच इजरायल गाजा पट्टी पर हमले करने से नहीं चूक रहा है। उत्तरी गाजा के अल-शती शरणार्थी शिविर के साथ-साथ राफा और खान यूनिस के दक्षिणी शहरों में महिलाओं और बच्चों सहित सौ से अधिक लोग मारे गए हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कम से कम 436 लोग मारे गए हैं। उधर, इजरायली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हमास द्वारा रिहा की गई दो बुजुर्ग महिलाएं अपने परिवारों से मिल गई हैं और अस्पताल में आराम कर रही हैं। हालांकि, हमास द्वारा अभी भी बंधक बनाए गए लोगों को लेकर चिंता बरकरार हैं क्योंकि इजरायल जमीनी आक्रमण करने पर उतारू है।

इस बीच, चीन ने बड़ा कदम उठाकर अपने छह युद्धपोत फारस की खाड़ी में उतार दिए हैं। चीन ने ऐसा ईरान को कवरअप देने के लिए किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि छह चीनी युद्धपोत, जिसमें 052डी टाइप गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक पोत जिबो, फ्रिगेट जिंगझू और सप्लाई शिप कियानदाओहू भी शामिल हैं। ये सभी चीनी सेना पीएलए के 44वें नौसैनिक एस्कॉर्ट टास्क फोर्स का हिस्सा है, जिसने हाल ही में ओमान के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लिया था।

चीन ने ऐसा तब किया है, जब अमेरिका ने अपने सबसे हाईटेक युद्धपोत यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड को एक युद्ध समूह के साथ भूमध्य सागर में तैनात कर दिया है। वाशिंगटन इजरायल को ए-10 वॉर्थोग और एफ-15ई हमले वाले विमानों के साथ-साथ नवीनतम हथियारों से भी सहायता कर रहा है।

बता दें कि चीन अभी तक दक्षिणी चीन सागर में ही अपनी नौसैनिक ताकत दिखाता रहा है, लेकिन इस बार चीन ने फारस की खाड़ी में अपने जंगी बेड़ा को उतारकर अपनी मंशा जगजाहिर कर दी है। दुनिया की दो बड़ा महाशक्तियों के आमने-सामने आ जाने की वजह से अब ऐसी आशंका घर करने लगी है कि इजरायल-हमास युद्ध लंबा चल सकता है। ये लड़ाई अब अमेरिका बनाम चीन की भी हो सकती है क्योंकि अमेरिका पहले ही खुलकर इजरायल के साथ आ चुका है और उसके साथ ब्रिटेन, फ्रांस सहित कई यूरोपीय देश हैं तब चीन ने ईरान का साथ देने के लिए उसके नजदीक जंगी बेड़े उतारे हैं। यानी कहा जा सकता है कि चीन ईरान के साथ है। ईरान पर पहले से ही हमास को फंड और हथियार देने का आरोप अमेरिका और इजरायल लगाता रहा है।

इस बीच एक बड़े घटनाक्रम में रूसी विदेश मंत्री ने ईरान का दौरा किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही संकेत दे चुके हैं कि उनका देश ईरान के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ा है। उधर, ईरान गाजा पट्टी में इजरायली हमलों को देखकर बार-बार चेतावनी दे रहा है कि आम नागरिकों को निशाना न बनाए लेकिन इजरायल इससे बाज नहीं आ रहा है।

इस बीच चीन ने एक और चौंकाने वाला कदम उठाया है। फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन कर रहे चीनी विदेश मंत्री ने इजरायल की तरफदारी करते हुए कहा है कि सभी देशों को आत्मरक्षा का अधिकार है। ऐसा कहकर चीन ने एक तरह से इजरायली हमले का समर्थन कर दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इजरायली समकक्ष से फोन पर बात कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का पालन करते हुए इजरायल को भी अपने नागरिकों की सुरक्षा करने का अधिकार है। हमास-इजरायल युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार चीन ने इजरायल के किसी बड़े नेता से बात की है।

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