लंदन। कोविड-19 के पीछे के वायरस सार्स सीओवी-2 के विभिन्न वेरिएंट में सेंट्रल नर्वस सिस्टम को संक्रमित करने की क्षमता होती है। शोधकर्ताओं ने पहली बार पाया है कि सार्स सीओवी-2 इन विट्रो में मानव न्यूरॉन्स को संक्रमित करने और एक्सोन में स्थानांतरित होने में सक्षम है। एक्सोन नरवस जानकारी रखने वाला तंत्र होता है। फ्रांस में इंस्टीट्यूट पाश्चर और यूनिवर्सिटी पेरिस साइट के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में दिखाया कि वायरस का मूल तनाव सबसे पहले वुहान में पाया गया और गामा, डेल्टा और ओमीक्रॉन/बीए.1 वेरिएंट केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं और इस अवधि के दौरान वहां रह सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने देखा कि ये सभी प्रकार सेंट्रल नर्वस सिस्टम में फैलते हैं और ओलफैक्टरी बल्ब को संक्रमित करते हैं। इंस्टीट्यूट पाश्चर के लिसावायरस, महामारी विज्ञान और न्यूरोपैथोलॉजी यूनिट में शोधकर्ता गुइलहर्मे डायस डी मेलो ने कहा, इस अध्ययन में, हमने दिखाया कि ओलफैक्टरी बल्ब का संक्रमण सभी प्रकारों में आम है और यह किसी विशेष प्रकार से जुड़ा नहीं है, न ही एनोस्मिया (गंध की हानि) जैसी किसी विशेष नैदानिक अभिव्यक्ति से जुड़ा हुआ है।इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पैतृक (वुहान) वायरस में एनोस्मिया से जुड़े एक आनुवंशिक अनुक्रम की पहचान की। शोधकर्ताओं ने फिर देखा कि सार्स सीओवी-2 ओलफैक्टरी बल्ब तक कैसे पहुंचा और देखा कि न्यूरॉन्स इसको रास्ता देता है।इन विट्रो माइक्रोफ्लुइडिक सेल कल्चर सिस्टम ने शोधकर्ताओं को एक विशेष तरीके से व्यवस्थित मानव न्यूरॉन्स का निरीक्षण करने में सक्षम बनाया।डायस डी मेलो ने कहा, इससे पता चलता है कि एनोस्मिया और न्यूरोनल संक्रमण दो असंबंधित घटनाएं हैं। अगर हम तर्क को देखें तो यह काफी संभव है कि संक्रमण की विशेषता है कि यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।