राहुल गांधी ने कहा कि पिछड़े, दलित, आदिवासी उस शक्ति को समझेंगे जो हमारे देश को बदल देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर भाषण में कहते हैं कि वह ओबीसी से हैं। भारत में ओबीसी की जनसंख्या कितनी है? कोई नहीं जानता। हमारे देश में पिछड़े लोगों की आबादी कितनी है, यह कोई नहीं जानता, इसलिए जाति जनगणना कराना और जिसका जो हक बनता है, उसे देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैंने संसद में पूछा कि हम भारत माता का गुणगान करते हैं, लेकिन भारत की जनसंख्या कितनी है, ये कोई नहीं जानता। इसलिए मैंने संसद में जाति जनगणना की मांग की। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज करते हुए कहा कि जब से उन्होंने जाति जनगणना की बात कही है, मोदी ने अपना भाषण ही बदल दिया है। तब से मोदी कहते हैं कि भारत में एक जाति है और वह है गरीब।
राहुल ने कहा कि जब चुनाव जीतने का समय आता है तो मोदी ओबीसी बन जाते हैं, लेकिन जब ओबीसी वर्ग को भागीदारी देने की बात आती है, तो कहते हैं केवल एक ही जाति है और वह है गरीब। उन्होंने कहा कि भारत सांसदों और विधायकों से नहीं चलता। कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के साथ कम से कम 90 अधिकारी देश चलाते हैं। ये लोग तय करते हैं कि बजट का कितना पैसा देश के स्वास्थ्य, शिक्षा, बीमा योजना और रक्षा में जाएगा। इन 90 अधिकारियों में से कितने आईएएस अधिकारी पिछड़े वर्ग से हैं? पिछड़ी आबादी लगभग 50 प्रतिशत है और इन 90 अधिकारियों में से केवल एक अधिकारी आदिवासी है और तीन अधिकारी दलित हैं।