बीजिंग। म्यांमार में भड़की हिंसा के चलते चीन ने शनिवार से म्यांमार के साथ लगती हुई अपनी सीमा पर युद्ध प्रशिक्षण शुरू कर दिया हैं। सोशल मीडिया पर जारी जानकारी के अनुसार म्यामांर को सामान ले जाने वाले ट्रकों के एक काफिले में आग लगने की घटना के एक दिन बाद चीन ने ये ट्रेनिंग शुरू की है। म्यांमार की हिंसक घटनाओं को देखते हुए चीन ने सीमा स्थिरता पर बातचीत के लिए म्यांमार से बातचीत भी है।चीनी सूत्रो के अनुसार, वार्षिक ट्रेनिंग प्रोग्राम के मुताबिक, पीएलए दक्षिणी थिएटर कमांड 25 नवंबर से चीन-म्यांमार सीमा पर चीन की ओर युद्ध अभ्यास और प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है। इसका उद्देश्य बलों की युद्ध क्षमताओं का आकलन करना है, जिसमें तेजी से युद्ध भी शामिल है। ट्रेनिंग में आपात स्थितियों के लिए तैयार रहने के लिए गतिशीलता, सीमा पर नियंत्रण और गोलीबारी की क्षमता परखी जाएगी।
चीन की ओर से कहा गया है कि हाल के दिनों में उत्तरी म्यांमार में सशस्त्र संघर्ष छिड़ा हुआ। इसमें लोगों की जानें जा रही हैं और सुरक्षा स्थिति जटिल हो गई है। चीन इसमें शामिल सभी पक्षों से तुरंत गोलीबारी बंद करने और शांतिपूर्ण बातचीत में शामिल होने के लिए आग्रह करता है। जिससे तनाव को और ज्यादा बढ़ने से रोका जा सके। चीन ने कहा है कि प्रभावी ढंग से पुनर्वास और सहायता के लिए म्यांमार के साथ सहयोग करेगा। चीन ने तीसरे देशों से व्यक्तियों को निकालने के लिए भी सुविधा दी है। बता दें कि म्यांमार के म्यूज शहर में शुक्रवार को आगजनी और हिंसा की घटनाओं के बाद हालात काफी नाजुक हो गए हैं। म्यांमार की सेना ने पूर्वोत्तर और अन्य जगहों पर कई शहरों और सैन्य चौकियों पर नियंत्रण खो दिया है। म्यांमार की सेना 2021 के तख्तापलट कर सत्ता कब्जा करने के प्रयास के बाद सबसे बड़े समन्वित हमले का सामना कर रही है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि लड़ाई बढ़ने की वजह से म्यांमार में 20 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।