यूपी विधानसभा में शुक्रवार को एक गजब नजारा दिखा. वैसे मौका तो था अनुपूरक बजट पर बहस का.. विपक्ष के नेताओं ने भाषण भी दिया, बजट में कमियां भी बताईं. लेकिन महफिल लूट ले गए सीएम योगी आदित्यनाथ. उन्होंने एक शेर पढ़ते हुए विपक्षी नेताओं पर तंज कैसा. जिस समय सीएम योगी ये शेर पढ़ रहे थे, सामने बैठे पूर्व सीएम अखिलेश यादव सिर्फ मुस्कुरा ही रहे थे. सीएम योगी ने जैसे ही यह शेर पढ़ा.. विधानसभा में बैठे सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तालियां बजा दीं. ये शेर शायद अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेताओं के लिए ही था.
प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हो रही थी.उसी दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शायराना अंदाज में शेर पढ़ते हुए कहा कि,
'बड़ा हसीन है उनकी जुबान का जादू
लगा के आग बहारों की बात करते हैं,
जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं,
वही नसीब के मारों की बात करते हैं'
सीएम योगी ने जमकर तीर छोड़े
इससे पहले बुधवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 28760 करोड़ का अनुपरक बजट पेश किया था. इसी बजट को लेकर बहस हो रही थी. इस दौरान नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने बजट पर कई सवाल उठाए और कहा कि चार दिनों के सत्र में अनुपूरक बजट लाने का क्या औचित्य है. इसके बाद सत्तापक्ष की तरफ से सीएम योगी ने मोर्चा संभाला और जमकर तीर छोड़े.
इतना ही नहीं सीएम योगी ने सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान शिवपाल यादव की भी चुटकी ली है. उन्होंने शिवपाल की तरफ देखते हुए कहा कि आपने भतीजे को बचपन में सही रास्ता नहीं दिखाया. सीएम योगी ने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि विरोधी दल के नेता लीक से हटकर बोलने की आदत से ग्रसित हैं. जो बीमारी बिहार की थी, वो यहां भी आ गई है. इनकी बात सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ. इसके बाद उन्होंने शेर भी सुना दिया. उन्होंने अपने वित्त मंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें शेर-शायरी का शौक है.
वहीं बजट पर बहस के दौरान अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर भी कई हमले बोले. उन्होंने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इनका नारा विकास का है, लेकिन सारे काम विनाश के हैं. सरकार के पास विजन नहीं है, पैसा होने के बावजूद काम नहीं हो रहे हैं उन्होंने सरकार से पूरा कि जब मूल बजट खर्च नहीं कर पाए तो अनुपूरक बजट की क्या जरूरत है. इसके बाद फिर जब योगी ने बोलना शुरू किया तो जमकर निशाना साधा.