कलयुग की शबरी उर्मिला चतुर्वेदी ने ...
जबलपुर। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था। उस वक्त हुए विवाद को लेकर जब खून खराबा हुआ तो उर्मिला चतुर्वेदी विचलित हो गई थीं। तब इन्होंने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में राम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हो जाता तब तक ये अन्न ग्रहण नहीं करेंगी।
उर्मिला चुतर्वेदी मूलरूप से मध्य प्रदेश के जबलपुर के विजय नगर इलाके की रहने वाली हैं। बीते 30 साल से ये अन्न की बजाय सुबह में चाय, सीजनल फल, दूध और मठा ले रही हैं सिर्फ.. अयोध्या विवादित भूमि को लेकर कोर्ट का फैसला आया तब भी ये अपने फैसले पर अडिग रहीं और बोलीं कि वे अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में उनके दर्शन के बाद ही अपना उपवास तोड़ूेंगी।। ऐसे पता नहीं कितने लोगो की आस्था को राम मंदिर का इंतजार है।