भोपाल। मध्य प्रदेश में19 साल से मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की पैठ विधायकों में बहुत ज्यादा है. तकरीबन 65% विधायक उनके साथ दिख रहे हैं, लेकिन हाई कमान की छुपी के चलते शिवराज सिंह के समर्थक विधायक चुप्पी साधे हुए हैं. लेकिन वहीं कुछ विधायकों ने खुलकर सीएम शिवराज को मुख्यमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया है. इंदौर से विधायक मालिनी गौड़ ने खुलकर कह दिया कि वे शिवराज सिंह को ही मुख्यमंत्री देखना चाहती हैं. वहीं बंटी जो की राघौगढ़ से चुनाव हार गए हैं, उन्होंने भी मंच से कह दिया कि अभी सीएम चेहरे को लेकर सस्पेंस है लेकिन हमारे मुख्यमंत्री तो शिवराज सिंह हैं.
आखिर पर्यवेक्षकों की क्यों जरूरत पड़ी:दूसरी बार एमपी में पर्यवेक्षकों को भेजा जा रहा है. उमा भारती के हटने के बाद सीएम चेहरे के लिए भी पर्यवेक्षक भेजे गए थे. लेकिन इस बार पर्यवेक्षकों को भेजने की वजह ये है कि इन चुनाव में बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था. मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया. लेकिन एमपी में बीजेपी को लाडली बहना फैक्टर का बहुत फायदा मिला. लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर क्या वजह की अब तक सीएम चेहरा घोषित नहीं किया गया.
शिवराज की लोकप्रियता का ग्राफ घटा नहीं:सीएम शिवराज सिंह का लोकप्रियता का ग्राफ नहीं घटा और उनके काम और मेहनत की भी खूब तारीफ होती है. सीएम पद के लिए अब एक नाम नहीं कई नाम सामने आ रहे हैं. सबसे चर्चित चेहरा इस वक्त सीएम शिवराज हैं. लेकिन उनको लेकर सस्पेंस इसलिए है क्योंकि अभी तक हाई कमान से उनके लिए मुख्यमंत्री पद के लिए हरी झंडी नहीं दी गई है. पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी यह बता रही है की एमपी में मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए घमासान है. शिवराज ओबीसी चेहरे से आते हैं और मध्य प्रदेश में ओबीसी की संख्या तकरीबन 51 फीसदी है. ऐसे में पार्टी की प्राथमिकता सीएम पद के लिए ओबीसी चेहरे की होगी.
तोमर और प्रहलाद पटेल भी सीएम की रेस में: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जिन्होंने हाल ही में अभी चुनाव जीत और सांसद और केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया उनका नाम भी सीएम पद के लिए चल रहा है. उनका सौम्य स्वभाव और सबको मैनेज करने की क्षमता के चलते इन्हें भी सीएम रेस में माना जा रहा है. प्रहलाद पटेल की ओबीसी जाति के एक बड़े चेहरे यह भी अपने सौम्य स्वभाव और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं. बेबाकी से बात रखने वाले प्रहलाद पटेल भी सीएम रेस में हैं. वहीं, दिल्ली से आने के बाद प्रहलाद पटेल एक्टिव दिख रहे हैं, अलग-अलग नेताओं से उन्होंने मुलाकात की दिल्ली में भी पुराने वरिष्ठ नेताओं से और खास तौर से मुरली मनोहर जोशी के साथ फोटो खूब वायरल हो रही है.
कैलाश विजयवर्गीय की दावेदारी:कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री यह भी अपनी शैली को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. बीजेपी ने उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ाया और वह जीते मालवा की जिम्मेदारी दी गई जिसे बखूबी अंजाम दिया गया और वहां पर बीजेपी को बंपर सीटें मिली. ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय की दावेदारी बन रही है. हालांकि यह सामान्य वर्ग से आते हैं ऐसे में सामान्य जाति के होने के नाते मुख्यमंत्री पद के लिए एक बड़ा रोड़ा माना जा रहा है. क्योंकि माना जा रहा है कि बीजेपी जातिगत समीकरणों को देखते हुए सीएम फेस तय करेगी. राकेश सिंह भी सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की और जेपी नड्डा से भी उनकी मुलाकात होनी है.
सोमवार शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक:सोमवार को पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में शाम विधायक दल की बैठक होनी है. बैठक में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में कम चेहरे पर फैसला होगा. वरिष्ठ पत्रकार सतीश एलिया का कहना है कि ''अभी फिलहाल सस्पेंस बरकरार है लेकिन जिस तरह से अभी सीएम फेस को लेकर बीजेपी ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है उसको देखते हुए कयास लगने लगे हैं कि मध्य प्रदेश में सीएम का चेहरा चौकने वाला हो सकता है.''
मामा और भैया से बड़ा कोई पद नहीं: इधर सीएम शिवराज ने कहा कि ''मैं तो लोकसभा चुनाव के प्रचार पर निकल गया हूं. मामा और भैया से बड़ा कोई पद नहीं है. मैं तो उन 66 सीटों पर जाऊंगा जहां कांग्रेस विधानसभा चुनाव में जीती है. हमारा संकल्प है कि लोकसभा चुनाव में 29 सीटों के साथ भाजपा सभी 230 विधानसभा सीटों पर जीते.''