शंघाई। भारत सरकार के अनुच्छेद 370 के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। इसके बाद दुनिया के कई देशों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं है। इसमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल है।
चीन ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर, चीन की स्थिति पूर्ववर्त और स्पष्ट है।उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह बेहद पुराना विवाद है और इसे संयुक्त राष्ट्र घोषणा-पत्र, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों और प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार शांतिपूर्ण तरीकों से हल किया जाना चाहिए।
माओ निंग ने कहा कि इससे जुड़े पक्षों को संवाद और मंत्रणा के माध्यम से विवाद को सुलझाने और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता स्थापित करने की जरूरत है। पाकिस्तान ने सोमवार को इस मामले मे प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 पर भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसले का कोई कानूनी महत्व नहीं है। इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून भारत की पांच अगस्त, 2019 की एकतरफा और अवैध कार्रवाइयों को मान्यता नहीं देता है। दसुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को सोमवार को सर्वसम्मति से बरकरार रखा और केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर) का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किए जाने एवं अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था।