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नरेंद्र मोदी को NDA ने तीसरी बार चुना संसदीय दल का नेता

by NewsDesk - 08 Jun 24 | 153

हमारा गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की आत्मा : मोदी

-अब राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया पेश 

नई दिल्ली । शुक्रवार को दिल्ली की पुरानी संसद में हुई एनडीए की बैठक में नरेंद्र मोदी को तीसरी बार संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लगी है। इस बैठक के बाद एनडीए के नेता राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बैठक को संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया और सहयोगी दलों का आभार जताया। एनडीए का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी का तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। वे देश के दूसरे ऐसे नेता बन जाएंगे, जो लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेंगे। इससे पहले यह रिकॉर्ड देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर है। नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही इस रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। एनडीए की बैठक में मोदी ने कहा कि मेरे लिए यह खुशी की बात है कि इतने बड़े समूह का आज स्वागत करने का अवसर मिला है। जो साथी जीतकर आए हैं, वे अभिनंदन के अधिकारी हैं। लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया, इतनी गर्मी में हर दल के कार्यकर्ता ने जो पुरुषार्थ और परिश्रम किया है, आज संविधान सदन के सेंट्रल हॉल से सिर झुकाकर उनको प्रणाम करता हूं। मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार में हम अगले दस साल में गुड गवर्नेंस, विकास, सामान्य मानवीय जीवन में सरकार की दखल जितनी कम हो, उतना कम करने का प्रयास करेंगे। उसी से लोकतंत्र की मजबूती है। आज टेक्नोलॉजी के युग में हम बदलाव चाहते हैं। हम विकास का नया अध्याय लिखेंगे। गुड गवर्नेंस और जनता-जनार्दन की भागीदारी का नया अध्याय लिखेंगे और सब मिलकर के विकसित भारत के सपने को साकार करेंगे। मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार ने देश को गुड गवर्नेंस दिया और एक प्रकार से एनडीए कहते ही गुड गवर्नेंस का पर्यायवाची बन जाता है। हम सबके केंद्र बिंदु में गरीब कल्याण और गुड गवर्नेंस सर्वोपरि रहा है। जब भी सेवा करने का मौका मिला, एनडीए के प्रत्येक नेता ने पूरे भारत में सुशासन सुनिश्चित किया है। एनडीए सुशासन का पर्याय बन गया है। मोदी ने आगे कहा एनडीए के सभी नेतृत्व के बीच एक सामान्य बात मौजूद है- वो है सुशासन। मैं जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि अगले दस साल में गुड गवर्नेंस, विकास, नागरिकों के जीवन में क्वॉलिटी ऑफ लाइफ मेरा व्यक्तिगत रूप से एक सपना है। सामान्य मानवी के जीवन में से सरकार की दखल जितनी कम होगी, उतनी ही लोकतंत्र की मजबूती होगी। उन्होंने कहा कि हम सबके केंद्र बिंदु में गरीब का कल्याण रहा है। देश ने इसे जीया है। जनता जर्नादन ने सरकार क्या होती है, सरकार क्यों होती है और किसके लिए होती है, किसके लिए काम करती है, इसका अनुभव किया है। पहले एक खाई बनी रहती थी हम सबका प्रयास है मंत्र दिया और देश को ऊंचाई पर जाने के लिए चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि भारत के इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए कि एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनाकर उनको सेवा करने का मौका दिया है। हमारा ये गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की आत्मा है। मैं अपने निजी जीवन में जिम्मेदारी की गहरी भावना महसूस करता हूं। मैं जीवन में जिस चीज पर हमेशा जोर देता हूं- वो है विश्वास। हिंदुस्तान की राजनीतिक इतिहास में और हिंदुस्तान की राजनीति के गठबंधन के इतिहास में प्री-पोल अलायंस इतना सफल कभी भी नहीं हुआ है, जितना कि एनडीए हुआ है। एनडीए के सत्ता प्राप्त करने का या सरकार चलाने का कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है। इससे पहले मोदी ने कहा, आप जब सब एक बार फिर मुझे यह दायित्व देते हैं तो यह साबित होता है कि अटूट रिश्ता और विश्वास मजबूत धरातल पर है और ये मेरे लिए सबसे बड़ी पूंजी है। ये पल मेरे लिए भावुक करने वाले हैं। हमारा अलायंस सच्चे अर्थ में भारत की आत्मा, भारत की जड़ों में रचा-बसा है, उसका एक प्रतिबिंब है। देश में दस ऐसे राज्य हैं, जहां हमारे आदिवासी बंधुओं की संख्या प्रभावी रूप से है। निर्णायक रूप से है। जहां आदिवासियों की संख्या ज्यादा है, वहां सात राज्यों में एनडीए सेवा कर रहा है। मोदी ने कहा, सरकार चलाने के लिए बहुमत जरुरी है. लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है। देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं, आपने जिस तरह बहुमत देकर सरकार चलाने का मौका दिया है, हम सब मिलकर सरकार चलाने का प्रयास करेंगे और देश के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा 30 साल में हमने पांच-पांच साल के तीन टर्म सफलतापूर्वक पूरे किए हैं और अब चौथे टर्म में एंट्री कर रहे हैं। ये कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है। भारत की राजनीतिक व्यवस्था में ये मूल्य श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी, प्रकाश सिंह बादल, बाला साहेब ठाकरे, शरद यादव ने जो बीज बोया था, वो भारत की जनता ने विश्वास का सिंचन करके वटवृक्ष बना दिया है। बीते 10 सालों में हमने उसी विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

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