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- Saturday, Nov 23, 2024
by NewsDesk - 13 Aug 24 | 96
मॉस्को । यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि उसने रुस के 350 किमी के भीतर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन के इस दावे से तिलमिलाए रुस ने खतरनाक हथियारों का उपयोग शुरु कर दिया है।रूस यूक्रेनी सैनिकों को कुर्स्क में और अंदर तक घुसने से रोकने के लिए खतरनाक थर्मोबैरिक बम गिरा रहा है। वैक्यूम बम के नाम से जाना जाने वाला यह विनाशकारी बम जिस इलाके में गिरता है, वहां घातक रसायन छोड़ता है। इससे लोगों की दम घुटकर या फेफड़ों में संक्रमण होकर जान चली जाती है। ये खतरनाक बम बड़ी संख्या में लोगों की जान ले सकता है। यूक्रेनी सेना के बीते हफ्ते किए गए हमले के बाद वह रूसी क्षेत्र में 20 किलोमीटर तक घुसने में सफल रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यूक्रेनी सेना के हमले में सैकड़ों रूसी सैनिक मारे गए हैं और गिरफ्तार हुए हैं। इसके बाद रूस ने अपने क्षेत्र को वापस पाने और कीव को आगे पैर जमाने से रोकने के लिए आक्रामकता दिखाई है। रूस ने बड़ी तादाद में हथियार कुर्स्क के सुदजांस्की की रक्षा के लिए भेजे हैं, ये इलाका एक हफ्ते से यूक्रेनी हमलों के केंद्र में है। रूस ने अपने दक्षिणी कुर्स्क क्षेत्र में अतिरिक्त टैंक, तोपखाने और रॉकेट प्रणालियां भेजी हैं। रूस ने कुर्स्क क्षेत्र में स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को आपातकाल घोषित कर दिया और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा है। फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से व्लादिमीर पुतिन और रूस के सामने यूक्रेन की ओर से पेश की गई यह सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
एक मीडिया रिपोर्ट में कुर्स्क में ये बम गिराए जाने का दावा किया गया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि युद्धग्रस्त कुर्स्क क्षेत्र में ये बम कहां गिराए गए और इससे कितना नुकसान हुआ। जब तक नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जा रहा है, तब तक वैक्यूम बमों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं है। थर्मोबैरिक (वैक्यूम) बमों का रूस पहले भी इस्तेमाल करता रहा है। रूस पर 2022 में यूक्रेनी तेल डिपो पर ये बम गिराने का आरोप लगा था। थर्मोबैरिक हथियार दूसरे द्वितीय विश्व युद्ध में नाजियों ने बनाए थे। हालांकि इनका पहली बार इस्तेमाल अमेरिका ने वियतनाम में किया था। ये बम जब कहीं गिराया जाता है तो इसके शुरुआती विस्फोट से बड़ी मात्रा में रासायनिक कण हवा में फैल जाते हैं और इसके विनाशकारी प्रभाव होते हैं। माना जा रहा है कि यूक्रेन से मिले बड़े झटके का जवाब देने के लिए रूस की ओर से ये बम चलाए गए हैं।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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