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- Saturday, Nov 23, 2024
by NewsDesk - 31 May 24 | 172
काबुल। अफगानिस्तान का भविष्य क्या होगा इसे लेकर क्षेत्र के देशों और इंटरनेशनल ताकतों के बीच एक आम सहमति थी। अमेरिका, चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और ईरान समेत अन्य प्रमुख शक्तियों के बीच इस बात पर आम सहमति थी कि तालिबान सरकार को तब तक मान्यता नहीं दी जाएगी, जब तक वह कुछ शर्तों को पूरा नहीं कर लेता। इन शर्तों में समावेशी सरकार बनाना, महिलाओं और मानवाधिकारों का सम्मान करना और अफगान धरती को आतंकी समूहों के इस्तेमाल के लिए इस्तेमाल न होने देना शामिल है।
अब अफगान तालिबान के साथ एक और देश पूर्ण संबंध स्थापित करने के करीब पहुंच गया है। रूस, जिसे कभी अफगान मुजाहिदीन के हाथों हार का सामान करना पड़ा, उसने तालिबान सरकार को मान्यता का संकेत दिया है। पहले कदम के तहत रूसी न्याय और विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति पुतिन से अफगान तालिबान को आतंकी संगठनों की लिस्ट से हटाने की सिफारिश की। रूस ने 2003 में अफगान तालिबान पर प्रतिबंध लगा दिया था। अगर रूस प्रतिबंध हटा लेता है, तो तालिबान सरकार की संभावित मान्यता का रास्ता साफ हो जाएगा।राष्ट्रपति पुतिन ने इस सप्ताह कहा कि अफगान तालिबान एक वास्तविकता है। वहीं रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष ने कहा कि मॉस्को तालिबान सरकार के साथ पूर्ण संबंध स्थापित करने के करीब है। दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि तालिबान अब सत्ता में हैं और हम उनके साथ पूर्ण संबंध स्थापित करने के करीब हैं। मेदवेदेव ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में स्थिति बदल गई है। तालिबान को एक समय आतंकी माना जाता था, लेकिन अब चीजें अलग हैं। अफगानिस्तान में रूस के विशेष दूत जमीर काबुलोव ने कहा कि सत्ता में आने के बाद तालिबान ने मान्यता पाने की दिशा में एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने आगे कहा कि अभी भी कुछ बाधाएं हैं, जिन पर काबू पाना बाकी है। बता दे कि पाकिस्तान उन तीन देशों में से एक था, जिसने 1996 से 2001 तक तालिबान के पहले शासन को मान्यता दी थी, लेकिन इस बार वह मान्यता को लेकर अंतरराष्ट्रीय सहमति से जुड़ गया। लेकिन तालिबान को लेकर अंतरराष्ट्रीय सहमति टूटती दिख रही है। दरार का पहला संकेत मार्च में दिखा जब चीन ने तालिबान शासन की ओर से नियुक्त पूर्णकालिक राजदूत को स्वीकार कर लिया। चीन ने तालिबान सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है। लेकिन पूर्णकालिक राजदूत को स्वीकार करना एक मौन मान्यता के तौर पर देखा जा रहा है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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