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- Saturday, Nov 23, 2024
by NewsDesk - 18 Feb 24 | 222
नई दिल्ली । भागम भाग और तनाव भरे माहौल में हंसी के ठहाके लग जाएं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। बीते रोज विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मजाक के मूड में आ गए। उन्होंने ऐसा कुछ कहा लोग हंसी नहीं रोक पाए। जयशंकर ने रूस के साथ जारी व्यापार के बीच अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को संतुलित बनाए रखने के लिए शनिवार को मजाकिया लहजे में अपनी तारीफ की और कहा कि यह हमारे लिए कोई परेशानी का सबब नहीं है । दिलचस्प बात यह है कि जयशंकर जिस वक्त म्यूनिख में एक सुरक्षा सम्मेलन के एक सत्र में यह टिप्पणी कर रहे थे, उस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक भी वहीं मंच पर मौजूद थे।
जयशंकर से सवाल पूछा गया था कि रूस के साथ व्यापार जारी रखते हुए भारत अमेरिका के साथ अपने बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को कैसे संतुलित कर रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, क्या यह एक समस्या है, यह एक समस्या क्यों होनी चाहिए? मैं इतना स्मार्ट हूं कि मेरे पास कई विकल्प हैं, आपको मेरी तारीफ करनी चाहिए। उनके बगल में अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन बैठे थे। यह पहली बार नहीं है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सस्ता रूसी तेल खरीदने के लिए भारत के रुख और प्रतिबद्धता को जाहिर किया हो। पहले भी कई मंचों पर वे भारत का रुख साफ शब्दों में रख चुके हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गाजा में मौजूदा स्थिति को लेकर भी चिंता जाहिर की और कहा कि भारत कई दशकों से कहता रहा है कि फिलिस्तीन मुद्दे का द्विराष्ट्र समाधान होना चाहिए और अब बड़ी संख्या में देश न केवल इसका समर्थन कर रहे हैं, बल्कि इसे पहले की तुलना में अधिक आवश्यक मान रहे हैं। विदेश मंत्री ने सात अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए हमलों को ‘आतंकवाद’ बताया, लेकिन साथ ही तेल अवीव की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि मानवीय कानूनों का पालन करना इजरायल का अंतरराष्ट्रीय दायित्व है। जयशंकर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इजरायल को नागरिकों के हताहत होने के प्रति बहुत सचेत रहना चाहिए। संघर्ष को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि इसके विभिन्न पहलू हैं और इन्हें मोटे तौर पर चार बिंदुओं में वर्गीकृत किया गया है। उन्होंने कहा, “पहला बिंदु – हमें स्पष्ट होना चाहिए कि सात अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद था, इसमें कोई दो राय नहीं, यह आतंकवाद था।
जयशंकर ने कहा, दूसरा बिंदु, जैसा कि इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की, यह महत्वपूर्ण है कि इजरायल को नागरिकों के हताहत होने के प्रति बहुत सावधान रहना चाहिए था। मानवीय कानून का पालन करना उसका एक अंतरराष्ट्रीय दायित्व है। विदेश मंत्री ने तीसरे बिंदु का जिक्र करते हुए कहा कि आज बंधकों की वापसी जरूरी है। उन्होंने कहा कि चौथा बिंदु राहत पहुंचाने के लिए एक मानवीय गलियारे की जरूरत है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
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