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कल्याणकारी मकसद के लिए हो जातिगत जनगणना,चुनावी उद्देश्य के लिए नहीं ’: RSS , आरएसएस ने जातिगत जनगणना’ पर स्पष्ट किया अपना मत ...

by NewsDesk - 05 Sep 24 | 70

केरल : केरल के पलक्कड़ शहर में 31 अगस्त से लेकर 2 सितंबर 2024 तक चली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक खत्म होने से पहले सोमवार को संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में पश्चिम बंगाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर चर्चा हुई. इस तरह की घटना पर अंकुश लगाने के लिए तेजी से सुनवाई हो, सरकारी तंत्र की सक्रियता आदि को तेज करने पर चर्चा हुई. संघ प्रमुख मोहन भागवत आज शाम भाषण देंगे और इसके साथ यह बैठक खत्म होगी. पत्रकारों द्वारा जब सवाल किया गया, ‘क्या जातीय जनगणना को लेकर कोई चर्चा या बात रखी गई’, इस पर सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ इसको लेकर चिंतित है. हमारे समाज में जातिगत जनगणना एक संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए बेहद अहम है.

 

 

 

 

‘कल्याणकारी मकसद के लिए हो जातिगत जनगणना’

 

नीतिगत उद्देश्यों के लिए जातिगत जनगणना की बात करते हुए आंबेकर ने कहा कि हम हमेशा इन मुद्दों पर सोचते हैं लेकिन जाति जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए और खासतौर से दलित समुदाय की संख्या जानने के लिए सरकार उनकी संख्या की गणना कर सकती है.

 

जातीय जनगणना के आड़ में समाज बांटने के मुद्दे से जुड़े सवाल पर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा कि हम समाज की एकता और अखंडता के बारे में बेहद चिंतित हैं… हम इसे जन स्तर तक ले जाएंगे. जातीय जनगणना के तहत इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. संघ सामाजिक समरसता के तहत इसको लेकर जनजागरण अभियान चलाएगा.

 

आंबेकर ने पलक्कड़ में बैठक के बारे में कहा कि पश्चिम बंगाल की महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ जिस तरह की घटना घटी उस पर भी बैठक में चिंतन किया गया. इस घटना को लेकर चिंता और दुख व्यक्त किया गया. बैठक में पूरे घटनाक्रम को लेकर चर्चा की गई. हर कोई इस घटना को लेकर चिंतित था. उन्होंने आगे कहा कि संघ के सभी अनुसंगिकों ने इस पर दुख व्यक्त किया. बैठक में इस पर भी मंथन किया गया कि आखिर इस तरह की घटना कोई बढ़ती जा रही है. राज्य सरकार इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए.

 

‘रेप जैसी घटना रोकने के लिए 5 तरीके से काम हों’

 

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना की रोकथाम के लिए तेज गति से सुनवाई, सरकारी तंत्र की सक्रियता आदि को तेज करने पर चर्चा हुई. बंगाल जैसी घटना को रोकने किए 5 तरह के कार्यों को बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई. पहला, लीगल रेमेडीज, दूसरा, लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच जागरुकता फैलाई जाए. तीसरा, परिवारों में संस्कार को बेहतर ढंग से दिया जाना चाहिए. चौथा, शिक्षा व्यवस्था में सेंसिटिविटी की बढ़ोतरी की जाए. छठा, महिलाओं में आत्मरक्षा की व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इसके अलावा डिजिटल, ott और वेबसाइट वगैरह पर जिस तरह के कंटेंट आ रहे हैं उससे भी इंसान की मानसिकता पर प्रतिकूल असर हो रहा है.

 

सुनील आंबेकर ने बताया कि पिछले एक साल में संघ की ओर से महिला सम्मेलन सभी राज्यों और जिला मुख्यालय में आयोजित हुआ, जिसमें 472 महिला सम्मेलन हुआ. पश्चिमी फेमिनिज्म पर चर्चा सभी जगह होती है मगर भारतीय चिंतन का अभाव रहता है. इन बैठकों में इसकी चर्चा ही गई.

 

वक्फ मसले पर भी हुई चर्चाः सुनील आंबेकर

 

वक्फ बोर्ड से जुड़े संशोधन के मसले पर चर्चा को लेकर सुनील आंबेकर ने कहा कि इस मसले पर चर्चा हुई है. यह मुद्दा बहुत बड़ा है. इस पर व्यापक स्तर पर चर्चा की जानी है. वक्फ को लेकर मुस्लिम समाज की ओर से बड़ी संख्या में लोगों की शिकायतें आई हैं. ऐसे में बड़े स्तर पर इसकी चर्चा की जा रही है।

इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की 3 दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक पिछले हफ्ते शनिवार से शुरुआत हुई थी. यह बैठक केरल के पलक्कड़ शहर में आयोजित हो रही है. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि बैठक में राष्ट्रीय हितों और मौजूदा मुद्दों पर गहन मंथन हुआ है।

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