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चह्वाण, देवड़ा और वोरा जा सकते हैं राज्यसभा

by NewsDesk - 19 Jan 24 | 245

-राज्यसभा चुनाव की गतिविधियां शुरू,

मुंबई । आगामी मार्च महीने में महाराष्ट्र से छह लोगों को राज्यसभा भेजने के लिए होने वाले चुनाव ने जोर पकड़ लिया है. इसमें हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना में शामिल हुए पूर्व कांग्रेसी नेता मिलिंद देवड़ा भी शामिल हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि शिंदे गुट की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनाने की तैयारी है. महाराष्ट्र में पिछले डेढ़ साल में हुए सियासी हलचलों के चलते उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एनसीपी और शिवसेना के सदस्यों की सीटें खतरे में हैं. महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा राज्यसभा भेजे गए छह लोगों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा। इसके लिए मार्च माह में चुनाव होगा. जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनके नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन (सभी भाजपा), सांसद अनिल देसाई (शिवसेना ठाकरे गुट), वंदना चव्हाण (राष्ट्रवादी शरद पवार गुट) और कुमार केतकर (कांग्रेस) हैं। शिवसेना और एनसीपी में बगावत के चलते इस बार महाविकास अघाड़ी के सदस्यों को राज्यसभा जाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. विभाजन से पहले अघाड़ी के पास 156 सदस्यों की संख्या थी। बगावत के बाद अब सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस बन गई है और महाविकास अघाड़ी के सदस्यों की संख्या 75 रह गई है. इससे महाविकास अघाड़ी के लिए राज्यसभा के लिए दो सदस्यों का चुनाव करना मुश्किल हो जाएगा। तीनों पार्टियां मिलकर केवल एक ही सदस्य का चुनाव कर सकती हैं. दूसरे सदस्य को चुनने के लिए स्वतंत्र या विभाजित वोटों पर निर्भर रहना होगा। चूंकि कांग्रेस के पास अधिकतम 45 सदस्य हैं, इसलिए संभावना है कि कांग्रेस के ही किसी नेता की राज्यसभा की लॉटरी लगेगी.

- नारायण राणे की उम्मीदवारी सशर्त

इसके उलट महायुति की स्थिति मजबूत हो गयी है. बीजेपी के पास 104 और निर्दलीयों को मिलाकर कुल 120 सदस्य हैं. इसमें अब शिवसेना और एनसीपी भी अलग गुट में शामिल हो गए हैं. इस प्रकार 200 से ज्यादा विधायक महागठबंधन के साथ खड़े हैं. बीजेपी की ओर से नारायण राणे और वी. मुरलीधरन की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है. सूत्रों की मानें तो नारायण राणे के समक्ष ये शर्त रखी गई है कि उनके पुत्र सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट पर दावा नहीं कर सकते. सूत्रों ने बताया कि शिंदे गुट से मिलिंद देवड़ा को राज्यसभा की दावेदारी मिलेगी. कुछ दिन पहले ही देवड़ा ने कांग्रेस छोड़कर शिवसेना का दामन थाम लिया था. एकनाथ शिंदे गुट का राज्यसभा में एक भी सदस्य नहीं है. फिलहाल राज्यसभा में शिवसेना के तीनों सदस्य उद्धव ठाकरे के प्रति वफादार हैं. इसी के चलते शिंदे गुट राज्यसभा में सीट चाहता है. इसके लिए मिलिंद देवड़ा की उम्मीदवारी मजबूत मानी जा रही है.

- फिर बंटेंगे कांग्रेस के वोट?

अजित पवार गुट के पास कम से कम 40 विधायक होने का दावा किया गया है. वह उन विधायकों के दम पर अपने उम्मीदवार को राज्यसभा में नहीं भेज पाएंगे. लेकिन कोशिश की जा रही है कि इस अजित पवार गुट को राज्यसभा भी मिल जाए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यसभा चुनाव में बीजेपी चार उम्मीदवार उतारने जा रही है. विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के 9 वोट बंटे थे. इसलिए अजित पवार गुट को भी राज्यसभा मिल सकती है अगर वे कांग्रेस के वोट तोड़ने की जिम्मेदारी लें.

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