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हर साल 60 लाख गधों की मौत की वजह बन रहा चीन

by NewsDesk - 19 Feb 24 | 260

-ब्रिटेन की संस्था ने चौंकाने वाला खुलासा किया

लंदन । दुनिया भर में गधों और खच्चरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करने वाली ब्रिटेन की संस्था ‘द डंकी सेंचुरी’ ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। संस्था के अनुसार, चीन, गधों की जान का दुश्मन बन गया है। हर साल 60 लाख गधों की मौत की वजह बन रहा है। ताजा रिपोर्ट में बताया है कि हर साल करीब 6 मिलियन (60 लाख) गधों को मौत के घाट उतार दिया जा रहा है। सबसे बड़ा भागीदार चीन है। रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जिस तरीके से गधों को उनकी खाल के लिए मौत के घाट उतारा जा रहा है और बूचड़खानों में भेजा जा रहा है, अगर उसे फौरन नहीं रोका गया तो आने वाले 5 सालों में दुनिया भर में गधों की कुल संख्या अभी के मुकाबले आधी रह जाएगी।

 

रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया ऐसी जगहें हैं, जहां सबसे तेजी से गधों की संख्या घट रही है। इन देशों में हजारों सैकड़ो अवैध बूचड़खाने खुल गए हैं, जो सिर्फ गधों का कत्ल कर रहे हैं। उनकी खाल और दूसरी चीजों को अवैध तरीके से चीन को एक्सपोर्ट किया जा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है इन बूचड़खानों में बीमार, बुजुर्ग गधों तक का कत्ल किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक जिस तरीके से गधों का कत्ल किया जा रहा है, उससे इनके अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है। एशिया और अफ्रीकन कंट्रीज में गधों की बेतहाशा अवैध तस्करी की जा रही है। कई-कई दिन तक बहुत बुरे हालात में एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है। ना तो खाना मिलता है ना पानी।

 

कई रास्ते में ही तड़प कर मर जाते हैं। इसके बावजूद तस्करों के लिए यह फायदे का सौदा है, क्योंकि मौत के बाद भी खाल बची रही है। गधों की हत्या और तस्करी के पीछे सबसे बड़ा कारण एजियो है। जिसे ‘कोला कोरी असीनी’ या ‘डंकी हाइड ग्लू’ भी कहते हैं। चीन तमाम पारंपरिक दवाईयों में एजियो का इस्तेमाल करता है। खासकर यौनवर्धक, पौरुष शक्ति और ताकत बढ़ाने वाली दवाईयां। इसके अलावा एनीमिया से लेकर वाले स्किन केयर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स तक में एजियो का इस्तेमाल होता। चाय से लेकर खानपान की कई वस्तुओं में भी एजियो का इस्तेमाल किया जाता है।

 

रिपोर्ट के मुताबिक चीन में एजियो की भारी डिमांड है, लेकिन सप्लाई लिमिटेड है। एजियो को ब्लैक गोल्ड भी कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी एक से डेढ़ लाख रुपये किलो के बीच है। क्वालिटी के मुताबिक रेट कम या और ज्यादा भी हो सकता है। एजियो गधे की खाल से निकाले गए कोलेजन से बनता है। जब खाल से इसे निकाल लिया जाता है तो बार, गोलियों या तरल रूप में दूसरी चीजें मिलाकर प्रोड्यूस किया जा सकता है या उत्पाद का रूप दिया जाता है।

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