- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Sunday, Nov 24, 2024
by NewsDesk - 27 Apr 24 | 177
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाए कि कांग्रेस ने बैकडोर से मुसलमानों को कर्नाटक में ओबीसी लिस्ट में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि सभी मुसलमानों को कर्नाटक में पिछड़ा घोषित करने का फैसला पिछड़े वर्गों के हितों के लिए नुकसान पहुंचाने वाला था। उन्होंने कहा कि जब संविधान तैयार किया जा रहा था, तब देश की अखंडता और एकता को बचाने कि लिए तय किया गया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिलेगा। पीएम ने कहा, संविधान के निर्माता बाबासाहब आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे, लेकिन कांग्रेस... ने उन्हें धोखा दिया। उन्होंने कहा, मुसलमानों को आरक्षण देना गैर-कानूनी था। यह पूरे देश के ओबीसी समुदायों के लिए खतरे की घंटी है।हालांकि, खबरें हैं कि राष्ट्रिय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने इस मामले का संज्ञान लिया है और धर्म के आधार पर मुस्लिमों को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की रिपोर्ट दाखिल नहीं करने के लिए कर्नाटक के मुख्य सचिव को तलब किया है।
इस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लिखा, यह सच है कि कर्नाटक में मुसलमानों को पिछड़ा वर्गों के लिए 2बी वर्ग में शामिल किया गया है। यह ऐसा कुछ नहीं है, जिसे अभी किया गया है। यह पिछड़ा वर्ग आयोगों की रिपोर्ट्स के आधार पर किया है। आरक्षण बीते तीन दशकों से चला आ रहा है।उन्होंने कहा, राज्य में पिछली भाजपा की सरकार और न ही 10 साल से केंद्र में सत्ता पर काबिज नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने इस आरक्षण पर सवाल उठाए। भाजपा समेत किसी ने भी इसे कोर्ट में चुनौती नहीं दी।कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय को दिए गए अत्यधिक आरक्षण को लेकर राज्य के मुख्य सचिव को तलब करेगा। आयोग के अध्यक्ष ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एनसीबीसी ने पूरे मुस्लिम समुदाय को पिछड़ी जाति की श्रेणी में डालने के कर्नाटक सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह का व्यापक वर्गीकरण सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करता है। एनसीबीसी अध्यक्ष अहीर ने कहा, कर्नाटक में मुस्लिम धर्म की सभी जातियों/समुदायों को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग माना जा रहा है और उन्हें पिछड़े वर्गों की राज्य सूची में श्रेणी द्वितीय(बी) के तहत अलग से मुस्लिम जाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने कहा, यह उन्हें भारत के संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और राज्य की सेवाओं में पदों और रिक्तियों पर आरक्षण प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24