- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Thursday, Nov 21, 2024
by NewsDesk - 15 Feb 24 | 197
पौधरोपण हमारे जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है: राज्यपाल मंगुभाई पटेल
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर का तृतीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में बसंत पंचमी पर बुंदेली संस्कृति और संस्कार के बीच सम्पन्न हुआ। दीक्षांत समारोह बुधवार को विश्वविद्यालय के शताब्दी हॉल के सामने आयोजित किया गया था। सारस्वत अतिथि के रूप में डॉ. मृत्युंजय महापात्रा महानिदेशक मौसम विज्ञान भारत सरकार उपस्थित रहे। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में छतरपुर विधायक ललिता यादव उपस्थित रहीं। दीक्षांत समारोह का प्रतिवेदन कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में कमिश्नर सागर डॉ. वीरेन्द्र रावत, डीआईजी ललित शाक्यवार, कलेक्टर संदीप जी.आर., एसपी अमित सांघी एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव यशवंत सिंह पटेल सहित जनप्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं, गणमान्य नागरिक और उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यअतिथि राज्यपाल मंगुभाई पटेल की उपस्थित में शोध छात्रों, शोध निदेशकों तथा प्राध्यापकों का समूह फोटो लिया गया। इसके बाद बुंदेली परिधान में मंच तक शोभा यात्रा निकाली गई।
दीक्षांत समारोह मां सरस्वती एवं महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीपप्रज्जवलन कर शुरू हुआ। राष्ट्रगान की प्रस्तुति (पुलिस बैण्ड के साथ) के बाद कुलगान वंदना, सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 38 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक एवं उपाधि से सम्मानित करते हुए बधाई दी। इस दौरान विश्वविद्यालय के समाचार पत्र छत्रछाया तथा स्मारिका दीक्षावाणी का विमोचन किया गया और उपाधिधारकों को शपथ भी दिलाई गई।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि कुलपति को अब कुलगुरू कहा जाएगा। महाराजा छत्रसाल की वीर भूमि आल्हा-ऊदल जैसे वीर योद्धाओं और केन-बेतवा नदियों की पावन धरा बुन्देलखण्ड में महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होकर अत्यंत खुशी हुई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी विद्वानों के व्याख्यान, प्रयोगशालाओं के उन्नयन, विद्यार्थियों के शैक्षणिक भ्रमण और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निराकरण की पहल सराहनीय है। महाराजा छत्रसाल जी के नाम पर शोध केन्द्रों एवं ऋषि मार्कंडेय उद्यान विश्वविद्यालय परिसर (गुरैया) में 5 हजार पौधे के रोपण और विश्वविद्यालय के हर एक प्रयास में सेना के अधिकारियों का मार्गदर्शन भी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण हर एक के जीवन में महत्वपूर्ण अंग है।
विश्वविद्यालय की पहचान उसकी शैक्षणिक कुशलता और संस्कारित युवाओं के निर्माण केन्द्र के रूप में होनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपील करते हुए कहा है कि 2047 तक विकसित भारत बनाना है। हर एक बच्चा मातृ भूमि को अपने में जो सोच है उसे आगे बढ़ाएं और अपनी राय दें। उन्होंने कहा विकसित भारत संकल्प यात्रा गांवों में गई। जो लाभ से वंचित रह गए है। उन्हें लाभ दिया गया है। उन्होंने बच्चों से अपील करते हुए कहा कि जो गरीब व्यक्ति लाभ से वंचित रह गए हैं उन्हें लाभ दिलाने में सहयोग करें और खुद के साथ समाज का भी सोचें और आगे बढ़े।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा डॉ. मृत्युंजय महापात्रा को मौसम विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए एमसीबीयू की ओर से डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। चित्रकला विभाग के विद्यार्थियों के द्वारा बनाई गई आकर्षक पेंटिंग्स की एक आर्ट गैलरी का अवलोकन किया। उन्होंने चित्रकला की सराहना की।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24