- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Thursday, Nov 21, 2024
by NewsDesk - 22 Jun 24 | 125
राजमार्गों पर गौवंश-विचरण पर अंकुश के लिए प्रथम चरण में पाँच जिलों के लिए टोल नाकों तथा निकायों के सहयोग से होगा कार्य
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में कृषि के साथ पशुपालन विकास के लिए कृषकों और पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाए। गौवंश के सम्मान और सुरक्षा के लिए सभी उपाय किए जाएं। निशक्त और वृद्ध गायों के लिए गौशालाएं संचालित करने के साथ पशुपालन विकास को प्राथमिकता देना आवश्यक है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग संबंधित विभागों के सहयोग से बेहतर परिणाम लाने के लिए इस दिशा में आगे बढ़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को मंत्रालय में बैठक के दौरान गौवंश रक्षा तथा दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन योजना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए।
राजमार्गों पर बैठने वाले गौवंश और अन्य मवेशियों के लिए हाइड्रोलिक वाहन व्यवस्था
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से पशुपालकों की आय बढ़ेगी। गुजरात एवं अन्य प्रांतों में लागू व्यवस्था का अध्ययन कर मध्यप्रदेश में अधिक प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्षाकाल में निराश्रित गौवंश की समस्या के निराकरण एवं किसानों द्वारा खुले में छोड़े गए गौवंश से सड़क दुर्घटनाओं की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। राजमार्गों पर गौवंश की उपस्थिति से यातायात से जुड़ी समस्याएँ भी उत्पन्न होती हैं। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि प्रदेश में प्रथम चरण में रायसेन, विदिशा, सीहोर, देवास, राजगढ़ आदि जिलों का चयन कर हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल को टोल व्यवस्था के साथ जोड़कर इस समस्या के समाधान का कदम उठाया है। इसके लिए आवश्यक वाहन व्यवस्था की गई है। यह वाहन गौवंश को निकट की गौशाला में टोल नाका संचालक एवं अन्य निकाय की मदद से ले जाएंगे। शीघ्र ही अन्य जिलों के लिए भी इस सुविधा का विस्तार होगा। विभाग द्वारा चलित पशु चिकित्सा इकाई (टोल फ्री नंबर 1962) संचालित है, जिसके माध्यम से पशुओं को फर्स्ट-एड सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुनादी द्वारा पशुपालकों और किसानों को अपने मवेशी सड़क पर न छोड़ने की सलाह दी जाए।
दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में दूध की खरीद सुनिश्चित करने, किसानों और पशुपालकों को दूध का उचित मूल्य दिलवाने, दुग्ध संघों को सहयोग, जिलों में दुग्ध प्र-संस्करण संयंत्र लगाने, सहकारी दुग्ध समितियों को प्रोत्साहन, राज्य में बच्चों के बेहतर पोषण के लिए दुग्ध प्रदाय जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विभागीय प्रयासों की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में प्रदेश के विभिन्न दुग्ध संघों की आय बढ़ाने से जुड़े प्रयासों और प्राप्त सफलता की जानकारी भी दी गई।
बैठक में दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में विस्तार, ग्राम पंचायतों में सहकारी समितियों और संग्रहण केन्द्रों की भूमिका और गौ-संवर्धन बोर्ड की योजनाओं के संबंध में भी चर्चा हुई। इसके अलावा प्रदेश में संचालित गौशालाओं को श्रेष्ठ कार्य के लिए जिला स्तर पर पुरस्कृत करने, आचार्यश्री विद्यासागर जीव दया सम्मान योजना का जिला स्तर तक विस्तार के निर्देश दिये गए। गहन पशु विकास परियोजना, गौशालाओं को अनुदान, प्रदेश में वृहद गौशालाओं के स्वरूप में गौवंश वन विहार इकाइयों की स्थापना, गौ-अभ्यारण्य अनुसंधान और उत्पादन केन्द्र से जुड़ी योजनाओं के विस्तार के संबंध में भी चर्चा की गई।
बैठक में पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव मलय कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विकास गुलशन बामरा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24