- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Sunday, Nov 24, 2024
by NewsDesk - 23 Dec 23 | 205
नई दिल्ली। देश में ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। केवल यूपीआई के जरिए ही एक साल में लगभग एक लाख लोग ठगी का शिकार हुए हैं। इसके पीछे के तमाम कारणों में एक सबसे बड़ा कारण है यूपीआई के प्रति जागरुकता की कमी। इसके लिए न तो ठीक से प्रचार प्रसार किया जा रहा है और न ही कोई पुख्ता योजना तैयार की गई है। जानकारों की माने तो यूपीआई पेमेंट एप के उपयोग में किस तरह की सावधानी रखीं जाएं,इसको लेकर प्रचार प्रसार का अभाव है। जिस स्तर पर प्रचार किया जा रहा है वहां हर एक नागरिक की पहुंच नहीं है। मीडिया से जुड़ तमाम संस्थानों का सबका अपना पाठक या दर्शक है। इसलिए जब मध्यम और छोटे माध्यमों के तहत इसका प्रचार प्रसार नहीं होगा तब तक जागरुकता का अभाव बना रहेगा।
अब बात करते हैं यूपीआई के जरिए फर्जीवाड़े की। यूपीआईपर फर्जीवाड़ा लगातार बढ़ रहा है। सरकार की ओर से जो आंकड़ा जारी किया गया है उसके अनुसार पिछले साल 95 हजार लोगों के साथ यूपीआई के जरिए फर्जीवाड़ा हुआ है।सरकार की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसके अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में 84000 यूपीआई फ्रॉड के मामले सामने आए हैं जबकि 2020-21 में 77000 यूपीआई फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में 95000 यूपीआई फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार फर्जीवाड़ा बढ़ा है क्योंकि अधिक से अधिक लोग यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि स्कैमर लोगों से फोन में सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराते हैं, जैसे ही यूजर यह करता है हैकर फोन पर नियंत्रण पा लेते हैं और उनका ई वैलेट खाली कर देते हैं।
फर्जी यूपीआई लिंक से फर्जीवाड़ा
फर्जीवाड़ा करने वाले ग्राहकों को फोन करके कहते हैं कि गलती से उनके यूपीआई में उन्होंने पैसा भेज दिया है। आपात स्थिति में ये लोग कॉल करते हैं और कहते हैं कि मेरा पैसा वापस कर दीजिए। इसके लिए वो फर्जी यूपीआई लिंक देते हैं। जैसे ही आप इसको अपने फोन पर स्वीकार करते हैं स्कैमर आपके पैसा उड़ा लेता है। कुछ इसी तरह से स्कैम करने वाले आपसे क्यूआर कोड भेजते हैं और कहते हैं कि आपके इस क्यूआर कोड को स्कैन करिए। जैसे ही यूजर इस क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं तो आपको यूपीआई पिन डालने के लिए कहा जाता है, जैसे ही आप इसे डालते हैं आपके पैसे उड़ जाते हैं। इस फर्जीवाड़े से कैसे बचा जाए,इसके प्रति जागरुकता की जरुरत है। ये तभी संभव होगा जब छोटे छोटे क्षेत्रीय और मध्यम पत्र पत्रिकाओं के माध्यमों का सहारा लिया जाएगा।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24