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Pakistan से आए बाज की जैसलमेर में मौत, पंख पर US कंपनी का GPS, पंजे पर अरब देश का छल्ला

by NewsDesk - 02 Jan 24 | 285

जैसलमेर। जैसलमेर के शाहगढ़ बल्ज से लगती सीमा पर बीएसएफ द्वारा पकड़े गए ट्रेंड शिकारी फाल्कन यानी बाज की मौत हो गई. वन विभाग ने मृत बाज के शव का 3 डॉक्टरों की नगरानी में मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाया गया. बताया जाता है कि अरब के शहजादों का ये बाज पाकिस्तानी सीमा से उड़कर भारतीय सीमा में घुस आया था. माना जा रहा है कि वह रास्ता भटककर भारतीय सीमा में घुस आया होगा. इसके पंखों पर लगे हाई टेक्निक के अमेरिकी कंपनी के जीपीएस को बीएसएफ ने रिकवर कर एनटीआरओ नई दिल्ली में गहन जांच पड़ताल के लिए भिजवाया है. बाज के पैरों में लगे छल्लों की भी जांच पड़ताल की जा रही है. डेजर्ट नेशनल पार्क के डिप्टी कन्जर्वेटर फॉरेस्ट आशीष व्यास ने फाल्कन की मौत की पुष्टि की।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने सीमा पर पकड़े गए जिस फाल्कन को वन विभाग के सुपुर्द किया था, उसकी कुछ घंटों बाद मृत्यु हो गई. वन विभाग ने अपनी कस्टडी के दौरान बाज को खाना और पानी दिया, लेकिन बाज ने कुछ भी खाया-पीया नहीं. संभवतः थकने के कारण या बीमारी होने के कारण उसकी नेचुरल डेथ होने की संभावना है. मेडिकल बोर्ड ने उसका पोस्टमार्टम किया है. रिपोर्ट आने के बाद ही बाज की मौत का सही कारण पता चल सकेगा. आशीष व्यास ने बताया कि सीमा पर पकड़ा गया बाज पैरागाॅन नस्ल का है. यह बढ़िया नस्ल का बाज माना जाता है और इसकी कीमत भी काफी ज्यादा होती है।

 

जैसलमेर। जैसलमेर के शाहगढ़ बल्ज से लगती सीमा पर बीएसएफ द्वारा पकड़े गए ट्रेंड शिकारी फाल्कन यानी बाज की मौत हो गई. वन विभाग ने मृत बाज के शव का 3 डॉक्टरों की नगरानी में मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाया गया. बताया जाता है कि अरब के शहजादों का ये बाज पाकिस्तानी सीमा से उड़कर भारतीय सीमा में घुस आया था. माना जा रहा है कि वह रास्ता भटककर भारतीय सीमा में घुस आया होगा. इसके पंखों पर लगे हाई टेक्निक के अमेरिकी कंपनी के जीपीएस को बीएसएफ ने रिकवर कर एनटीआरओ नई दिल्ली में गहन जांच पड़ताल के लिए भिजवाया है. बाज के पैरों में लगे छल्लों की भी जांच पड़ताल की जा रही है. डेजर्ट नेशनल पार्क के डिप्टी कन्जर्वेटर फॉरेस्ट आशीष व्यास ने फाल्कन की मौत की पुष्टि की।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने सीमा पर पकड़े गए जिस फाल्कन को वन विभाग के सुपुर्द किया था, उसकी कुछ घंटों बाद मृत्यु हो गई. वन विभाग ने अपनी कस्टडी के दौरान बाज को खाना और पानी दिया, लेकिन बाज ने कुछ भी खाया-पीया नहीं. संभवतः थकने के कारण या बीमारी होने के कारण उसकी नेचुरल डेथ होने की संभावना है. मेडिकल बोर्ड ने उसका पोस्टमार्टम किया है. रिपोर्ट आने के बाद ही बाज की मौत का सही कारण पता चल सकेगा. आशीष व्यास ने बताया कि सीमा पर पकड़ा गया बाज पैरागाॅन नस्ल का है. यह बढ़िया नस्ल का बाज माना जाता है और इसकी कीमत भी काफी ज्यादा होती है. 

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