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एलिवेटेड रोड-6 पिलरों पर 22 गॉर्डर लांच किये गये

by NewsDesk - 28 Jan 24 | 207

ग्वालियर। रमटापुरा से हजीरा के बीच एलिवेटेड रोड़ तैयार करने के लिये 6 पिलरों के बीच अभी तक 22 गार्डर लॉच किये जा चुके है। गॉर्डर डालने का काम 1 जनवरी से शुरू किया गया है। इस दौरान हुई वर्षा से स्वर्ण रेखा नाले में पानी की वजह से विलंब हुआ था। इसके लिये गिट्टी और मुरम डालकर पुनः रास्ते को मजबूत किया गया है।

 

डकस्लैब डालने का कार्य प्रारंभ

 

श्रीमंगलम बिल्डकॉन इंडिया लिमिटेड के साईट इंजीनियर जितेन्द्रसिंह तोमर ने बताया कि 6 पिलरों के बीच गार्डर लांच करने के बाद अब गॉर्डर के ऊपर डकस्लैब डालने का कार्य प्रारंभ किया जायेंगा। अभी जिन पिलरों पर गॉर्डर लांच करने का जो काम शेष रह गया है। रविवार की सुबह 10 बजे से शुरू हो जायेगा।

 

 6 स्थानों पर जमीन अधिग्रहण के लिये टीम पहुंची

 

एलिवेटेड रोड़ के लिये 6 लूप से वाहन उतारने के लिये महारानी लक्ष्मीबाई समाधि से लेकर ट्रिपल आईटीएम के बीच 6 लूप बनाये जायेंगे। इसके लिये 7 में से 6 स्थानों पर जमीन अधिग्रहण करने के लिये तहसीलदार रमाशंकर सिंह, श़त्रुघनसिंह चौहान के साथ आरआई महेश ओझा सहित 10 सदस्यों की टीम मौके पर पहुंची थी। आपको बता दें कि एलिवेटेड रोड 18 मीटर चौड़ी होगी और टेडे-मेडे स्वर्ण रेखा नाले पर सीधा एलिवेटेड रोड़ बनाया जा रहा है।

 

 परियोजनाओं की आईपीएमएस से होगी निगरानी

 

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआरडीसी) की प्रगतिरत व नवीन परियोजनाओं की प्रतिदिन की निगरानी के लिए एक आनलाइन सिस्टम तैयार किया जाएगा। इस सिस्टम के अंतर्गत दोनों विभागों में काम करने वाले प्रत्येक इंजीनियर का एक लागिन आइडी बनाया जाएगा। इंजीनियर की जिम्मेदारी होगी कि परियोजना की प्रगति के प्रतिदिन के फोटो और वीडियो इस सिस्टम में अपलोड किए जाएं, जिन्हें उनसे वरिष्ठ अधिकारी देख सकेंगे। 

 

वर्तमान में निगरानी की व्यवस्था थोड़ी बिखरी हुई है और वाट्सएप ग्रुप के जरिये ही प्रगति की जानकारी का आदान-प्रदान होता है। इसके अलावा किसी भी कार्य की प्रगति जानने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को संबंधित इंजीनियरों से फोन पर चर्चा कर जानकारी मंगानी पड़ती है। कई बार फाइलें भी इधर से उधर भेजी जाती हैं। इसमें भी ज्यादा समय लग जाता है। ये सिस्टम तैयार होने से सब इंजीनियर से लेकर इंजीनियर इन चीफ तक निगरानी की नई व्यवस्था बन सकेगी। इसके लिए एमपीआरडीसी ने टेंडर मंगाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह टेंडर आगामी 31 जनवरी को खोले जाएंगे।

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