- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Sunday, Nov 24, 2024
by NewsDesk - 28 Jan 24 | 182
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के ऐसे इलाके जहाँ अपेक्षाकृत उद्योग कम हैं, वहाँ स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप औद्योगिक इकाइयों की स्थापना पर फोकस किया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर उद्योग संवर्धन संगोष्ठियां करके उद्योगपतियों एवं निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में नर्मदा घाटी विकास विभाग, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, खनिज साधन, जनसंपर्क, वाणिज्यिक और आबकारी विभाग की गतिविधियों पर चर्चा हुई। विभागों द्वारा प्रजेंटेशन दिए गए। बैठकों में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव उपस्थित थे।
नर्मदा घाटी विकास विभाग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा घाटी विकास की विभागीय समीक्षा करते हुए जल उपयोग के मामले में श्रेष्ठ परिणाम लाने वाले राज्यों विशेषकर गुजरात में हुए कार्यों का अध्ययन करने के निर्देश दिए। उन्होंने वर्तमान सिंचाई प्रतिशत, सिंचाई के विभिन्न पद्धतियों, आगामी वर्षों में सिंचाई प्रतिशत में वृद्धि के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्यों, किसानों के लिए सिंचाई सुविधा के उद्देश्य से जल उपलब्ध करवाने, विभिन्न बांधों के माध्यम से जल विद्युत उत्पादन, जलाशयों और बांधों की उपलब्ध जल क्षमता और उसके उपयोग की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराने की समय-सारणी निर्धारित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही नर्मदा नदी के बड़े घाटों और नर्मदा नदी के तट पर स्थित प्रमुख धार्मिक महत्व के स्थानों पर नदी में आवश्यक जल प्रवाह की व्यवस्था होना चाहिए। विद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों कार्यों के लिए जल की उपलब्धता और उसके उपयोग के संबंध में सामने आने वाली कठिनाइयों का व्यवहारिक समाधान भी निकाला जाए। बैठक में बताया गया कि आगामी दो वर्ष में सात लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र का विस्तार करने का लक्ष्य है। नर्मदा घाटी विकास विभाग पाँच वर्ष में 19 लाख 55 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र का विस्तार करेगा। अपर मुख्य सचिव एनवीडीए डॉ. राजेश राजौरा ने एनवीडीए ने प्रजेंटेशन दिया। साथ ही संकल्प 2023 के बिंदुओं पर क्रियान्वयन की जानकारी दी।
जनसंपर्क विभाग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनसंपर्क विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहे प्रचार कार्य के साथ ही विषय केन्द्रित और इवेंट आधारित गतिविधियों की रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए। बैठक में जनसंपर्क आयुक्त श्री संदीप यादव ने विभाग के कार्यों की जानकारी दी। प्रकाशन, पत्रकार कल्याण, विभागीय प्रशिक्षण, मीडिया प्रशिक्षण गतिविधियों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय प्रकाशन की व्यवस्था को और अधिक पुख्ता करने के साथ ई-प्रकाशन के भी निर्देश दिए। उन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में प्रोत्साहन और पुरस्कार योजना प्रारंभ करने और राज्यों में अध्ययन दल भेजकर नवाचारों को अपनाने के लिए कहा।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसे स्थानों पर उद्योग स्थापना की ठोस पहल की जाए, जहां उद्योग कम हैं। उन्होंने धार, झाबुआ जैसे जनजातीय बहुल क्षेत्रों एवं सागर, जबलपुर जैसे नगरीय क्षेत्रों में उद्योग संवर्धन संगोष्ठियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिए। कृषि, पशुपालन, खनिज आधारित औद्योगिक इकाइयों को प्रारंभ करने की संभावनाओं पर विमर्श करने इनकी स्थापना के लिए भी तेज गति से कार्य करने बांस उत्पादन आधारित इकाइयों और टिंबर व्यवसाय को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश में ऐसी जगहों पर इकाइयां लगाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए, जहां उन औद्योगिक इकाइयों के विकास की व्यापक संभावनाएं विद्यमान हों। इससे रोजगार सृजन में भी सहायता मिलेगी। बैठक में बताया गयाकि आगामी एक और दो मार्च को उज्जैन में व्यापार मेले 2024 के अवसर पर इन्वेस्टर्स समिट भी प्रस्तावित है। विशेष रूप से पर्यटन, कृषि और स्टार्टअप क्षेत्रों पर फोकस रहेगा। इसमें गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित स्थानीय निवेशक भी हिस्सा लेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, खनिज विभाग, और ग्रामोद्योग विभाग संयुक्त रूप से ऐसी इकाइयों की स्थापना के लिए मिलकर कार्य करें, जो इन विभागों के सहयोग से आसानी से संचालित हो सकती हैं। अंतर्विभागीय समन्वय से कचरा प्रबंधन एवं गोबर के उपयोग के लिए संयंत्र स्थापित करने के कार्य किए जाएं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में एमपी.आई.डी.सी. के 10 क्षेत्रीय कार्यालय कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में अधिक रोजगार सृजित करने वाले सेक्टर जैसे गारमेंट, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग आदि के लिए विशेष पैकेज उपलब्ध है। जिला उद्योग केन्द्रों के माध्यम से जिला स्तर पर उद्योगपतियों के लिए जिला इन्वेस्टर्स समिट की पहल की जा रही है। विभाग द्वारा आगामी महीनों में देश के विभिन्न स्थानों में प्रस्तावित कार्यक्रमों और उनमें भागीदारी की जानकारी भी दी गई।
खनिज साधन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अवैध उत्खनन और परिवहन के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएं। इसके लिए संभागीय टास्क फोर्स का उपयोग किया जाए। खनिजों से राजस्व प्राप्ति के संबंध में विभाग द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जाए। बैठक में बताया गया कि हाल ही में मध्यप्रदेश को मिनरल ब्लॉक्स की नीलामी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य एवं जिला स्तरीय टास्क फोर्स, अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम के लिए निरंतर निगरानी कर रहा है। सतत जाँच के लिए गत माह संभागीय जाँच दल गठित किए गए हैं। खनिज विभाग के प्रजेंटेशन में बताया गया कि मध्यप्रदेश में 68 खनिज ब्लॉक की नीलामी का उल्लेखनीय कार्य किया है।
प्रदेश में आगामी 6 माह में 13 खदानें प्रारंभ की जाएंगी। प्रदेश में गौण खनिजों की 5895 खदानें स्वीकृत हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना लागू है, जिसके अंतर्गत 6 हजार से अधिक परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। खनिज अन्वेषण के अंतर्गत जी.एस.आई., एन.एम.डी.सी., मॉइएल, एम.ई.सी.एल, डी.जी.एम और एन.पी.ई.ए. जैसी एजेंसियां कार्यरत हैं। विभागीय पोर्टल का उन्नयन कर विभागीय कार्यों के सरलीकरण पर भी दिया गया है।
आबकारी विभाग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आबकारी विभाग की समीक्षा करते हुए विभाग से अर्जित आय एवं वर्तमान में लागू व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समक्ष प्रजेंटेशन भी दिया गया।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24