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KYC के लिए मिलेगा, परमानेंट 14 अंकों का एक CKYC आईडेंटिफिकेशन नंबर

by NewsDesk - 09 Apr 24 | 61

हर काम के लिए बार-बार केवाईसी करवाने से जल्द मिलेगा छुटकारा ...

नई दिल्ली। केवाईसी (KYC) हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है. चाहे आपको बैंक अकाउंट खुलवाना हो, शेयर मार्केट में या म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट करना हो, या किसी स्कीम का लाभ लेना हो, या फिर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने जा रहे हों..., केवाईसी सबके लिए अनिवार्य है. हर काम के लिए केवाईसी करवाना जरूरी होता है. बिना केवाईसी के आप न तो बैंक अकाउंट खोल पाएंगे और न ही किसी सरकारी योजना का लाभ ले सकेंगे. सिर्फ अकाउंट खोलते वक्त ही नहीं बल्कि समय-समय पर आपको KYC अपडेट भी करना होता है. इस दौरान हर बार एक नए सिरे से KYC की जाती है. इसमें काफी समय बर्बाद होता है. वहीं, कई लोगों के लिए बार-बार और अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग केवाईसी अपडेट करना मुश्किल हो जाता है।

 

लेकिन जरा सोचिए कि अगर ऐसा हो कि बार-बार केवाईसी अपडेट कराने का ये झंझट खत्म हो जाए, तो कैसा होगा ? अगर आप भी बार-बार KYC अपडेट की परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. इस झंझट और परेशानी को कम करने के लिए केवाईसी के नियमों में बदलाव की तैयारी की जा रही है. अब सरकार KYC से जुड़े नए नियम लागू करने जा रही है. इसके तहत इन नियमों को बदलकर यूनिफॉर्म केवाईसी लागू करने पर विचार हो रहा है.  

 

जल्द ही लागू हो सकती है यूनिफॉर्म केवाईसी !

 

केवाईसी का फुल फॉर्म होता है Know Your Customer...इसका मतलब है कि यह कस्टमर की आइडेंटिटी यानी पहचान को वेरिफाई करने का तरीका होता है. हमें पैसे से जुड़े कामों में केवाईसी प्रोसेस से गुजरना पड़ता है. अब सरकार केवाईसी प्रक्रिया को और मजबूत करने की तैयारी में हैं. इसकी मदद से आपको एक ही बार केवाईसी प्रोसेस पूरी करनी होगी.

 

यूनिफॉर्म केवाईसी में आपके सारे केवाईसी डॉक्युमेंट बस एक बार जमा होंगे और उसके बाद आपको 14 अंकों का एक CKYC आईडेंटिफिकेशन नंबर दे दिया जाएगा.जिसका इस्तेमाल RBI, सेबी जैसे रेगुलेटर के दायरे में आने वाली संस्थाओं में किया जा सकेगा. यानी आपको बैंक अकाउंट, फास्टैग, शेयर बाजार और इंश्योरेंस के लिए बार-बार केवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. केवाईसी प्रोसेस के बजाय सिर्फ CKYC नंबर देकर ही आपका काम हो जाएगा. अगर इसे और भी आसान भाषा में समझें तो इसमें आपको एक ही बार KYC करानी पड़ेगी और फिर आप इसका इस्तेमाल कहीं भी कर सकते हैं.

 

कब और कैसे रखा गया Uniform KYC का प्रस्ताव !

 

दरअसल,वित्त मंत्रालय ने साल 2016 में सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री (CKYCR) का गठन किया था. इसका मकसद आम लोगों को केवाईसी के चक्कर में होने वाली परेशानी से राहत देना है. यहीं से यूनिफॉर्म KYC का प्रस्ताव रखा गया. हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में हुई फाइनेंशियल स्टैबलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) की बैठक में यूनिफॉर्म केवाईसी पर चर्चा की गई. जिसमें वित्त मंत्री ने कस्टमर्स वेरिफिकेशन के लिए यूनिफॉर्म केवाईसी (Uniform KYC India) लाने की बात कही है. इससे लोगों को केवाईसी के बार-बार मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक्सपर्ट्स कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी यूनिफॉर्म केवाईसी के नियमों को लेकर फॉर्मेट तैयार करेगी.

 

यूनिफॉर्म केवाईसी के फायदे !

 

अगर यूनिफॉर्म केवाईसी लागू किया जाता है, तो आपकों बैंक अकाउंट और इंश्योरेंस के लिए अलग-अलगा केवाईसी करवाने की जरूरत नहीं होगी. यूनिफॉर्म केवाईसी में केवाईसी प्रोसेस को आसान बनाया जाएगा और बार-बार एक ही केवाईसी प्रोसेस से गुजरने के झंझट से छुटकारा मिलेगा.एक ही केवाईसी से कई काम निपटाए जा सकेंगे. जिसका फायदा ये होगा कि पेपरवर्क वर्क कम होगा, और समय के साथ खर्च भी बचेगा.इससे न सिर्फ आम लोगों को फायदा होगा बल्कि बैंकों सहित अलग-अलग वित्तीय संस्थानों को भी केवाईसी प्रोसेस के जरिये एड्रेस वेरिफिकेशन में आसानी होगी।

 

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