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राघौगढ़ किले में मनाया 'हिल्ला', लगभग 200 साल पुरानी परंपरा ; बेटे जयवर्धन सिंह पोते सहस्त्रजय सिंह ने लोगों के साथ खेली होली

by NewsDesk - 28 Mar 24 | 315

दिग्विजय ने शामिल न होने पर मांगी क्षमा, राजा बल के द्वार मची रे होली, गीत गाया, 

गुना के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के गृह नगर राघौगढ़ किले पर गुरुवार को हिल्ला मनाया गया। 25 साल बाद दिग्विजय सिंह हिल्ला होली में शामिल होने वाले थे, लेकिन किसी कारण वश वे नहीं आ सके। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा, 'हिल्ला के शुभ अवसर पर आप सभी को मेरी बधाई। चाहते हुए भी आप लोगों के बीच आज नहीं हूं, क्षमा चाहता हूं।'

 

उन्होंने 'हिल्ला' पर गाया जाने वाला होली गीत गाया, 'राजा बल के द्वार मची री होली, के चढ़ आयो तो पे लख बंजारो...।' 

 

राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा, आज के दिन हम अपने पूर्वजों की जीत को याद कर मनाते हैं। हर साल होली की तीज पर इसे मनाया जाता है। इसमें कस्बे के लोग पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के साथ होली खेलने उनके निवास पर पहुंचते हैं।

 

दरअसल, हिल्ला होली की परंपरा की शरुआत 200 साल पहले हुई थी। ब्रिटिश सेनापति जॉन बप्टिस ने अपनी सेना के साथ राघौगढ़ किले पर हमला किया था। उस समय राघौगढ़ की कमान हिंदुपथ नरेश राजा जयसिंह के हाथ में थी। विशाल सेना की मदद से जॉन बप्टिस ने बजरंगगढ़ का किला जीत लिया था। इसके बाद अंग्रेजी सेना ने राघौगढ़ किले की घेराबंदी कर ली।

 

सीमित संसाधनों के कारण राघौगढ़ ज्यादा दिन युद्ध नहीं कर सकता था। राजा जयसिंह ने श्योपुर छावनी पर हमला कर ब्रिटिश सेनापति के बेटे को बंदी बना लिया। इसकी सूचना उसे देकर कहा गया कि राघौगढ़ किले से अपनी सेना हटा लो।

 

राजा जयसिंह की कुशल रणनीति से दुश्मन सेना का मनोबल टूट गया। अंग्रेजी सेना का हटना शुरू हुआ तो खबर सबसे पहले नांदनेर के ग्रामीणों ने आकर दी, तब से ही यह परंपरा शुरू हुई।

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