- trending-title
- ऋचा का कातिलाना अंदाज और पोज़ बहुत पसंद आया फैंस को
- Wednesday, Dec 18, 2024
by NewsDesk - 31 Dec 23 | 325
नई दिल्ली । भारत,पाकिस्तान और चीन में कड़ाके की ठंड से सैकड़ों लोगों की हर साल जान चली जाती है। विभिन्न शोधों से पता चलता है कि भारत,पाकिस्तान और चीन के लोग में ठंड सहन करने की क्षमता काफी कम है। जिसके कारण होने वाली मौत के आंकड़े डराने वाले हैं। भारत में ऐसे भी स्थान हैं जहां पारा -50 डिग्री तक गिर जाता है। यहां साल 2020 में ठंड से होने वाली मौत का आंकड़ा गर्मी के मौसम में होने वाली मौतों से 76 गुना ज्यादा था । भारत में ठंड का मौसम आमतौर पर दिसंबर से फरवरी तक रहता है। इस दौरान, भारत के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस (32 डिग्री फॉरेन्हाइट) तक चला जाता है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी मौसम का लगभग यही ग्राफ रहता है। तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे आते ही लोग ठिठुरने लगते हैं। गर्म कपड़े या गर्म चीजें खाकर खुद को ठंड से बचाने की जद्दोजहद करने लगते हैं लेकिन भारत में कई ऐसे भी स्थान हैं जहां पारा 0 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे चला जाता है। द्रास और सियाचिन ग्लेशियर भारत के सबसे ठंडे क्षेत्र माने जाते हैं। यहां पारा -50 डिग्री तक गिर जाता है। यही नहीं, ये क्षेत्र गर्मी के मौसम में भी ठंडे रहते हैं।
भारत में हर साल ठंड की चपेत में आने से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। भारतीय मौसम विभाग आईएमडी के अनुसार, साल 2020 में ठंड से होने वाली मौत का आंकड़ा गर्मी के मौसम में होने वाली मौतों से 76 गुना ज्यादा था। इस अनुपात में इस साल ठंड से मौतें 20 सालों में सबसे अधिक हुईं। इस साल 99 दिन तक ठंडी हवाएं चलीं। 1980-2018 तक गर्मी के मौसम की तुलना में सर्दी ने ज्यादा भारतीयों की जान ली। 2017 से 2020 तक शीत लहरों के दिनों की संख्या में लगभग 2।7 गुना बढ़ोतरी हुई। 2017 के बाद से दिनों की संख्या लगातार बढ़ती रही। 2018 में 63 दिन तक शीत लहर का प्रकोप चला था, जो अगले साल 2019 में 1.5 गुना बढ़कर 103 दिन हो गई। 8 जनवरी 2006 को राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत में बीते 20 सालों में सबसे ठंडे दिन के तौर पर रिकॉर्ड किया गया था। तब तेज बर्फीली उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण दिल्ली का तापमान 0।2 पर पहुंच गया था। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में ठंड की वजह से पूरे देश में 618 मौतें हुईं। साल 2020 में कुल 776 लोगों ने ठंड की वजह से अपनी जान गंवाई। इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक में, देशभर में ठंड के कारण सबसे ज्यादा मौत साल 2015 में हुईं थी, तब एक हजार से ज्यादा की जिंदगी चली गई थी।
वहीं चीन इस वक्त भीषण ठंड की मार झेल रहा है। राजधानी बीजिंग में तापमान जीरो से नीचे चला गया है। ठंडी हवाओं के चलते पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्रों में तापमान -40 सेल्सियस पहुंच गया है। बर्फीली हवाओं ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यहां ठंड ने पिछले 72 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले साल 1951 में चीन में इस तरह की भयंकर ठंड ने लोगों का जीना मुश्किल किया था। अमेरिका के अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में लोग अलग-अलग तरह की ठंड का सामना करते हैं। यहां कुछ राज्यों में सालभर ठंडी का मौसम रहता है। पश्चिमी क्षेत्र कैलिफोर्निया अक्सर गर्म और शुष्क रहता है, लेकिन उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी देखी जा सकती है। यहां उत्तरी क्षेत्रों में सर्दीयों में बर्फबारी और ठंड आम बात है, यहां गर्मियों के मौसम में भी अधिक ठंडक होती है। अमेरिका के दक्षिणी क्षेत्र फ्लोरिडा गर्म और शुष्क रहता है। न्यूयॉर्क में ठंडी हवा और बर्फबारी सामान्य है, जो सर्दियों में अधिक रहती हैं। जनवरी 1912 में अमेरिका में भीषण शीत लहर चली थी, तब सबसे लंबे समय तक -17.8 डिग्री सेल्सियस से नीचे पारा दर्ज किया गया था।
दुनिया का एक शहर ऐसा भी है जहां खून जमा देने वाली ठंड पड़ती है, जहां लोग अपनी कार बंद ही नहीं करते हैं। ये शहर है- याकुत्स्क। रूस की लेना नदी (Lena River) के पास बसा ये शहर राजधानी मॉस्को से 5 हजार किमी पूर्व में स्थित है। यहां न्यूनतम तापमान -83 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड हो चुका है। याकुत्स्क में इंसान का जिंदा रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। यहां हर वक्त बर्फ ही जमी रहती है तो खेती के बारे में तो कोई सोच ही नहीं सकता। इसलिए खाद्य सामग्री बहुत कम ही पहुंच पाती है। मछलियां ही याकुत्स्क शहर के लोगों के लिए खाने का अहम हिस्सा है।
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24
by NewsDesk | 28 Sep 24